श्रीलंका में सड़कों पर प्रदर्शनकारी, राजपक्षे परिवार पर इस्तीफे का दबाव
आमजन राजपक्षे परिवार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के पास फिर से एकत्र हुए.
highlights
- राजपक्षे परिवार के सभी सदस्यों से इस्तीफे की मांग तेज
- हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के पास फिर हुए जमा
- अगले हफ्ते विपक्ष का विशाल रैली का आह्वान, लोग सहमत
कोलंबो:
श्रीलंका में ऐतिहासिक आर्थिक मंदी से उपजा राजनीतिक संकट और गहराता जा रहा है. आसमान छूती महंगाई के बीच जरूरत की वस्तुओं और बिजली किल्लत झेल रहे लोगों का सब्र का बांध टूट सा गया है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे समेत पूरे परिवार के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर है. लोग राजपक्षे परिवार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. आमजन राजपक्षे परिवार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के पास फिर से एकत्र हुए. उन्होंने न सिर्फ सिंहली नववर्ष विरोध-प्रदर्शन के बीच मनाया, बल्कि जेवीपी पार्टी की मांग के अनुरूप अगले तीन दिनों तक लगातार रैली निकालने पर भी सहमति जताई.
बढ़ता जा रहा है संकट
गौरतलब है कि श्रीलंका खाने-पीने की चीजों समेत पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रहा है. बढ़ती महंगाई और बिजली कटौती ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है. इसके लिए जनता राजपक्षे सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को भी श्रीलंका में जनता ने प्रदर्शन स्थल पर ही पारंपरिक तरीके से नववर्ष मनाया. प्रदर्शनकारियों ने ‘संघर्ष की जीत हो’ नारे लगाते हुए पटाखे फोड़े. ऐतिहासिक आर्थीक मंदी का आलम यह है कि कागज की खरीद नहीं हो पाने से छात्रों की परीक्षाएं तक टालनी पड़ी हैं. विदेशी मुद्रा भंडार निम्नतम स्तर पर है इस वजह से जरूरी वस्तुओं का निर्यात भी नहीं हो पा रहा है.
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अगले हफ्ते विपक्ष की विशाल रैली का आयोजन
इस बीच श्रीलंका की मार्क्सवादी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना ने अगले हफ्ते राजपक्षे सरकार को सत्ता से हटाने के लिए एक विशाल मार्च निकालने का ऐलान किया है. जेवीपी के महासचिव तिलविन सिल्वा ने बताया कि यह मार्च 17, 18 और 19 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा. यह देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मार्च होगा. मार्च 17 अप्रैल को सुबह 9 बजे बेरूवाला से शुरू होकर 19 अप्रैल को कोलंबो पहुंचेगा. इस बीच विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति का बातचीत का ऑफर भी ठुकरा दिया है. सभी राष्ट्रपति और उनके परिवार के इस्तीफे की मांग पर कायम हैं.
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