Pakistan भिखारियों की तरह बर्ताव करने के लिए नहीं बना... शहबाज का छलका दर्द
शहबाज शरीफ ने कहा, 'देश कर्ज पर चलने और भिखारी की तरह काम करने के लिए नहीं बनाया गया था, क्योंकि इसके पूर्वजों और विभिन्न पीढ़ियों ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है.'
highlights
- आईएमए पर बेलआउट पैकेज मिलने पर हो रही देरी पर फूटा गुस्सा
- इमरान सरकार पर विकास परियोजनाओं को रोकने का मढ़ा आरोप
- शरीफ ने आरोप लगाया कि 2018 चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई
लाहौर:
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास बेलआउट पैकेज (Bailout Package) में देरी करने का कोई बहाना नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान (Pakistan) ने वैश्विक ऋणदाता की सभी शर्तों को पूरा कर दिया है. छह लेन के ओवरहेड ब्रिज के निर्माण कार्य की समीक्षा के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 'आईएमएफ से टूटा समझौता' मिला है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान जल्द ही सभी कठिनाइयों से बाहर निकल जाएगा. उन्होंने कहा, 'देश कर्ज पर चलने और भिखारी की तरह काम करने के लिए नहीं बनाया गया था, क्योंकि इसके पूर्वजों और विभिन्न पीढ़ियों ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है.'
सरकार ने आईएमएफ की सारी शर्तें हरसंभव पूरी की
पीएम शहबाज शरीफ ने ऋण समझौतों के लिए आईएमएफ की शर्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया. उन्होंने चीन सहित मित्र राष्ट्रों से द्विपक्षीय वित्तीय सहायता भी मांगी, जिन्होंने पाकिस्तान की समस्याओं को स्वीकार किया और पाकिस्तान द्वारा चुकाई गई पिछली ऋण राशि को वापस करने के अलावा 2 बिलियन डॉलर का ऋण प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का भी आभार व्यक्त किया. यूएई ने 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया था. शहबाज शरीफ ने इस संबंध में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, वित्त मंत्री इशाक डार और सेना प्रमुख असीम मुनीर के प्रयासों की भी सराहना की.
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2018 में चुनाव में हुई थी बड़ी धांधली
अपने संबोधन में पीएम शहबाज ने दावा किया कि 2018 के चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी. पूर्व सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके कार्यकाल में विकास परियोजनाएं रुकी रहीं. मौजूदा सरकार की मुफ्त आटा योजना के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह जोखिम भरा था, लेकिन इसने लोगों को राहत दी. उन्होंने कहा कि पंजाब में करीब 80 से 10 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं, लेकिन राष्ट्र को यह तय करना होगा कि क्या वे विदेशी ऋणों पर ही निर्भर रहेंगे या ईमानदारी, समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ अपने पैरों पर खड़े होंगे.
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