रूस के NSA निकोलई पेट्रुशेव की अजीत डोवाल से हुई बात
यही नहीं,एक रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर ग्रुप की बगावत के बाद रूस की ओर से सीरिया, माली और सेंट्रल अफ्रीका गणराज्य की सरकरों को तुरंत फोन करके ये बताना पड़ा था रूस की सरकार अभी भी पुतिन के हाथ में ही है
नई दिल्ली:
रूस में अचानक हुई बगावत के बाद अब रूस के प्रेजीडेंट व्लादिमीर पुतिन ने इस बगावत के जिम्मेदार सेना के अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ यूक्रेन में रूसी आर्मी के हमले तेज होने लगे हैं. इसी बीच पुतिन के सबसे खास आदमी और सबसे वफादार शख्स ने भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी अजीत डोवाल से फोन पर बात की है. य़े ऐसा वक्त जिसमें पुतिन काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. प्राइेवट आर्मी यानी वैगनर ग्रुप की बगावत ने दुनिया भर में पुतिन के कमजोर होने के संदेश दिया है. ऐसे में पुतिन के सबसे वफादार आदमी निकोलई पैट्रुशेव और अजीत डोवाल के बीच लंबी बात हुई है.
इस फोन कॉल के बारे में बताने से पहले हम आपको ये बताते हैं कि रूस में निकोलई पैट्रुशे्व का कैसा रुतबा है. दरअसल रूस में सुरक्षा मामलों में बड़े फैसले लेने का अधिकार नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के हाथ में है और पैट्रुशेव उसी के सेक्रेटरी हैं. माना जाता है कि रूस में पुतिन के बाद वो सबसे पावरफुल इंसान है और पुतिन उनपर काफी भरोसा करते हैं.
पुतिन के फैसलों में हमेशा पैट्रुशेव का छाप रहती है. य़ूक्रे्न युद्ध को लेकर अक्सर पैट्रुशेव ही भारत को होने वाले डेवलेपमेंट्स की जानकारी देते आए हैं और पिछले दिनों तो वो पुतिन का खास संदेश लेकर पीएम मोदी से भी मुलाकात करके गए थे. एसे में प्रिगोझन की बगावत के बाद पैट्रुशेव का अजीत डोवाल से बात करना अपने आप में बेहद अहम है. जानकारी के मुताबिक, इस फोन कॉल में इन दोनों के बीच मौजूदा राजनैतिक और रणीनितक हालात में दोनों देशों के आपसी सहयोग और सामंजस्य को लेकर तफ्सील से बात हुई साथ पैट्रुशेव ने रूस में हाल ही में हुए डेवलेपमेंट की जानकारी भी डोवाल को दी.
रूस का पुराना दोस्त है भारत
साफ है रूस अपनी करीबी दोस्त भारत को भरोसे में लेकर चलना चाहता है क्योंकि भारत ने युद्ध के हालात में भी अपने पुराने देश रूस का साथ नहीं छोड़ा है. भारत एक ऐसा देश है जिसने अमेरिका के तमाम तरह के दबाव के बावजूद दुनिया के किसी भी मंच पर यूक्रेन युद्ध को लेकर ना तो रूस की आलोचना की है और ना ही उसके खिलाफ मतदान किया है. भारत हथियारों की अपनी जरूरत का एक बहुत बड़ा हिस्सा रूस से ही खरीदता है. युद्ध शुरू होने के बाद तो भारत ने रूस से रिकॉर्ड मात्रा में कच्चा तेल भी खरीदना शुरू कर दिया है. ऐसे में रूस में हुई बगावत की हलचल का भारत पर भी असर पड़ना लाजिमी है. लिहाजा पुतिन के सबसे करीबी आदमी यानी पेट्रोशेव ने अजीत डोभाल को फोन करके ताजा हालात की जानकारी दी है.
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रूस में ऑल इज वेल
यही नहीं,एक रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर ग्रुप की बगावत के बाद रूस की ओर से सीरिया, माली और सेंट्रल अफ्रीका गणराज्य की सरकरों को तुरंत फोन करके ये बताना पड़ा था रूस की सरकार अभी भी पुतिन के हाथ में ही है. दरअसल ये वो देश हैं जहां रूस इसी प्राइवेट आर्मी यानी वेगनर ग्रुप के जरिए ही ऑपरेशन चला रहा है. इसके बाद अब रूस की सरकार ने भारत जैसे मित्र देशों से संपर्क करके ये भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि रूस में सब कुछ ठीक-ठाक है.
सुमित कुमार दुबे की रिपोर्ट
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