भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए पाकिस्तान ने यूरोप में बनाई झूठ की नई 'फैक्ट्रीयां'
भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का कोई भी अवसर नहीं चूकने वाले पाकिस्तान ने यूरोप में झूठ की फैक्ट्रियां लगानी शुरू कर दी है. झूठ की फैक्ट्रियों से लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रीस की मीडिया ने ताजा खुलासा किया है.
highlights
- पाकिस्तान से जाने वाले लोगों की मदद के बाद नेटवर्क से जोड़ा जाता है
- नेटवर्क से जुड़ने के बाद भारत विरोधी विरोध-प्रदर्शन में बुलाया जाता है
- मस्जिदों और पाक दूतावास की मदद से किया जाता है दुष्प्रचार
:
भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का कोई भी अवसर नहीं चूकने वाले पाकिस्तान ने यूरोप में झूठ की फैक्ट्रियां लगानी शुरू कर दी है. झूठ की फैक्ट्रियों से लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रीस की मीडिया ने ताजा खुलासा किया है. ग्रीस की मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान के इस एजेंडे के तहत हाल ही में ब्रिटेन और यूरोप के दौरे पर गए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कथित राष्ट्रपति सुल्तान महमूद ने ब्रिटेन में रह रहे पाकिस्तानियों को दो दुष्प्रचार समूह बनाने का सुझाव दिया. इनमें से एक दुष्प्रचार समूह का नाम 'फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर' और दूसरे का नाम 'यासीन मलिक डिफेंस कमेटी' रखने के लिए कहा गया.
31 अगस्त से पहले भारत के खिलाफ बनाए जाएंगे दो समूह
ग्रीस की न्यूज वेबसाइट डायरेक्टस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कथित राष्ट्रपति सुल्तान महमूद ने बाकायदा 31 अगस्त से पहले ये दोनों दुष्प्रचार समूह बनाने की टाइमलाइन लोगों को दी. इसके साथ ही महमूद ने इस तय सीमा के अंदर ब्रिटेन और यूरोप के सभी बड़े शहरों और कस्बों में दोनों ही अभियानों के लिए नेटवर्क बनाने का टारगेट दिया. इसके साथ ही महमूद ने अपने लोगों को बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मस्जिदों और पाकिस्तान के दूतावास का इस्तेमाल किया जाए. इस नापाक मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के धार्मिक कट्टरपंथियों और पीओके के विदेश में रह रहे लोगों की भी मदद लेने का प्लान तैयार किया गया है.
ये भी पढ़ेंः संगरूर उपचुनाव में हार के साथ ही लोकसभा से आउट हुई आप
मस्जिदों के इमाम के जरिए तैयार किया जाता है नेटवर्क
ब्रिटेन और यूरोप के दूसरे शहरों में रह रहे पाकिस्तानियों की मदद मस्जिदों, पीओके प्रवासियों से जुड़े राजनीतिक दलों और पाकिस्तानी दूतावासों के जरिए की जाती है. ग्रीस मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन मस्जिदों के पीछे गुप्त रूप से पाकिस्तानी दूतावास होता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिदों के इमाम पाकिस्तान और कश्मीर से आने वाले प्रवासियों को जॉब हासिल करने में मदद करते हैं. इसके बदले में उन्हें अपने धार्मिक या राजनीतिक नेटवर्क से जोड़ लेते हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तानी टुकड़ों पर पलने वाले लोग अक्सर लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करते है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
TMKOC के को-स्टार समय शाह को याद आई सोढ़ी की आखिरी बातचीत, डिप्रेशन की खबरों पर तोड़ी चुप्पी
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें