logo-image
लोकसभा चुनाव

भारत कर रहा दुनिया की मदद तो पाकिस्तान ने मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर लगाई पाबंदी

पाकिस्तान ने अमेरिका समेत कुछ देशों द्वारा मलेरिया रोधी दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिये किये जाने के बाद इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी है. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है.

Updated on: 11 Apr 2020, 05:33 PM

इस्लामाबाद:

एक तरफ भारत कोरोना वायरस के इलाज के लिए पूरी दुनिया में दवा पहुंचाकर वाहवाही लूट रहा है दो दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अमेरिका समेत कुछ देशों द्वारा मलेरिया रोधी दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिये किये जाने के बाद इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी है. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है. देश में कोरोना वायरस के मामलों के बढ़ने के बीच वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक कोविड-19 पर राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) जबतक उचित समझेगी यह प्रतिबंध जारी रहेगा.

यह भी पढ़ेंः बढ़ गया लॉकडाउन! केजरीवाल बोले PM मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने का सही फैसला लिया

पाकिस्तान में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 190 नए मामले सामने आए और देश में संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़कर 4,788 हो गई. देश में महामारी के कारण अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है. इस बीमारी से अब तक देश में 762 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 50 की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. एक हफ्ते के अंदर यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान सरकार ने मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. बीते एक पखवाड़े में मलेरिया रोधी दवाओं खासकर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की अंतरराष्ट्रीय मांग में खासा इजाफा हुआ है. अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पहचान कोरोना वायरस के संभावित इलाज के तौर पर की है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली निजामुद्दीन मरकज के बाद जमातियों का दूसरा सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बना चांदनी महल

डान अखबार के मुताबिक पाकिस्तान में इस बात को लेकर पाकिस्तान में भ्रम है कि कौन सा विभाग - वाणिज्य डिवीजन या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय- दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिये अधिकृत है. पूर्व में वाणिज्य डिवीजन ने पाकिस्तान के औषधि नियामक प्राधिकरण के उस पत्र को ‘अनुचित’बताया गया था जिसमें मास्क के आयात पर प्रतिबंध की बात थी. एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, वाणिज्य डिवीजन ने एनसीसी की बैठक के मद्देनजर तीन अप्रैल को आदेश जारी किया था जिसमें सभी मलेरिया रोधी दवाओं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की बात कही गई थी. अधिकारी ने कहा, “हमने फैसले को तेजी से लागू कराने के लिये आदेश जारी किया था.” उन्होंने कहा कि यह भी तय किया गया था मंत्रिमंडल से बाद में इसका अनुमोदन ले लिया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः बिहार: समय पर एंबुलेंस न मिलने से चल गई मासूम बच्चे की जान, शव ले जाने के लिए भी नहीं मिला वाहन

यह तय किया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित संघीय मंत्रिमंडल के अनुमोदन के लिये उसे विस्तृत जानकारी देगी. सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल ने छह अप्रैल को हुई अपनी बैठक में प्रतिबंध को मंजूरी दे दी थी. वाणिज्य मंत्रालय ने हालांकि छह अप्रैल को एक अन्य आदेश जारी कर अपने तीन अप्रैल वाले उस आदेश को वापस ले लिया जो प्रतिबंध लगाने से संबंधित था. मंत्रिमंडल के फैसले को लागू करने के लिये वाणिज्य मंत्रालय ने दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध के लिये एक नयी अधिसूचना जारी की जिस पर नौ अप्रैल की तारीख थी. यह अधिसूचना मीडिया के लिए शुक्रवार को जारी की गई. करीब 20 कंपनियां हैं जो मलेरिया रोधी दवाओं का उत्पादन करती हैं. इसके साथ ही प्राधिकरण ने घरेलू बाजार में भी इन दवाओं के सीमित इस्तेमाल का निर्देश दिया है. दवा विक्रेताओं से इन दवाओं को सिर्फ डॉक्टर का पर्चा देखकर ही देने को कहा गया है. प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब ढाई करोड़ गोलियां हैं और इन दवाओं के निर्माण के लिये करीब 9000 किलो कच्चा माल बाजार में उपलब्ध है.