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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के करीबी रहे गुप्ता बंधु गिरफ्तार, UAE ने पकड़ा

दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर सरकार को प्रभावित करते रहे गुप्ता ब्रदर्स पर अरबों के घोटालों का आरोप है. उन पर सरकारी सिस्टम के साथ खिलवाड़ का भी आरोप है. जिसके बाद गुप्ता ब्रदर्स यूएई में रह रहे थे. उन्हें अब तक भरोसा था कि यूएई में उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा, क्योंकि उन्होंने यूएई में कोई अपराध ही नहीं किया.

Updated on: 07 Jun 2022, 09:23 AM

highlights

  • दक्षिण अफ्रीका में ताकतवर रहे गुप्ता बंधु गिरफ्तार
  • यूएई में इंटलपोल के अधिकारियों ने किया गिरफ्तार
  • दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के करीबी थे गुप्ता बंधु

नई दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर सरकार को प्रभावित करते रहे गुप्ता ब्रदर्स पर अरबों के घोटालों का आरोप है. उन पर सरकारी सिस्टम के साथ खिलवाड़ का भी आरोप है. जिसके बाद गुप्ता ब्रदर्स यूएई में रह रहे थे. उन्हें अब तक भरोसा था कि यूएई में उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा, क्योंकि उन्होंने यूएई में कोई अपराध ही नहीं किया. हालांकि अब राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को यूएई में गिरफ्तार कर लिया गया है. गुप्ता परिवार यूपी के सहारनपुर से संबंध रखता है, कुछ साल पहले इस परिवार ने उत्तराखंड की वादियों में परिवार के एक बेटे की शादी की थी, जिसमें करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

गुप्ता बंधुओं के किलाफ रेड कॉर्नर नोटिस था

जानकारी के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गुप्ता परिवार के राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को गिरफ्तार किया. इंटरपोल ने दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. दक्षिण अफ्रीकी सरकार दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिश में है. 

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घोटाला के बाद देश छोड़कर भागे थे गुप्ता बंधु

गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश गुप्ता पर आरोप है कि तीनों ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ नजदीकी के चलते बड़े पैमाने पर अरबों रैंड का गबन किया. ये भ्रष्टाचार 2009 से 2018 के बीच अंजाम दिए गए. हालांकि, घोटालों के सामने आने के बाद वे दक्षिण अफ्रीका से भाग गए थे और यूएई में रह रहे थे. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पहली बार यह स्वीकार किया था कि अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के भीतर मतभेदों के कारण देश में घोटाले में कथित तौर पर लिप्त गुप्ता परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो सकी.