क्या देश और झंडे के लिए वफादार नहीं होते मुसलमान? जानें-UAE में क्या बोले मिस्र के मंत्री
अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि पहला विवेकशील और तर्कसंगत तरीका है जिसकी मिसाल इस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी जा रही है. वहीं, दूसरा तरीका काल्पनिक और असंभव है जिसका इस्तेमाल चरमपंथी और आतंकवादी संगठन अपने फायदे के लिए कर रहे हैं.
highlights
- मिस्र के मंत्री बोले-अपने देश के प्रति वफादार रहें मुसलमान
- नया देश बना लेने भर से नहीं आएगी एकता
- आतंकवाद के दम पर नहीं आएगी शांति
नई दिल्ली:
यूएई में वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज काउंसिल की कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. अबुधाबी में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में मिस्र के मंत्री ने ऐसा बयान दिया कि पूरी दुनिया में हंगामा मच गया. मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा ने दुनिया भर के मुसलमानों से कहा है कि वो जिन देशों में रहते हैं, वहीं रहें. उसी देश के झंडे के प्रति वफादारी निभाएं. एक नया अलग देश मांग कर, लड़ कर लेने से भी कुछ नहीं होने वाला. ये कॉन्फ्रेंस 8-9 मई को आयोजित हुआ था, जिसमें यूएई, रूस, तुर्की, सीरिया, मिस्र और अजरबैजान समेत कई देशों के मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने हिस्सा लिया.
मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा इस्लामिक एकता के मुद्दे पर अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि पहला विवेकशील और तर्कसंगत तरीका है जिसकी मिसाल इस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी जा रही है. वहीं, दूसरा तरीका काल्पनिक और असंभव है जिसका इस्तेमाल चरमपंथी और आतंकवादी संगठन अपने फायदे के लिए कर रहे हैं. ये दुनियाभर के मुस्लिमों को एक राष्ट्र और एक झंडे के तहत लाने का प्रयास कर रहे हैं.
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नया देश बना कर भी नहीं लाई जा सकती इस्लामिक एकता
मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा ने कहा कि हमारे आधुनिक समय में किसी नए देश के तहत इस्लामिक एकता लाने की असंभव कोशिश करने के बजाय अपने देश, झंडे और भूमि के प्रति ईमानदारी रखना अधिक जरूरी है. डॉ. गोमा ने कहा कि यह व्यर्थ का प्रयास राष्ट्र को कमजोर करता है और गैर मुस्लिम समुदायों में रह रहे मुस्लिम अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करता है.
मुस्लिम समाज में एकता का आधार हो विज्ञान
इसी कॉन्फ्रेंस में यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में एकता का आधार विज्ञान होना चाहिए. शेख नाहयान ने कहा, 'मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन इस्लाम, विज्ञान और ज्ञान का धर्म है इसलिए यह जरूरी है कि विज्ञान और रिसर्च मुस्लिम एकता की नींव बने. शेख नाहयान ने यह भी कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता और खाद्य सुरक्षा जैसे अन्य विषयों को एकजुट मुस्लिम समाज का केंद्र होना चाहिए. उन्होंने कहा, यूएई सहिष्णुता, राष्ट्रनिर्माण और विकास का उदाहरण है. मुस्लिम समाज में एकता लाने के लिए इसके भीतर और बाहर की चुनौतियों को समझने की जरूरत है'.
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