अब इस वायरस से दुनियाभर में फैला खौफ, हर दूसरे मरीज की मौत का खतरा, ऐसे कर रहा इंसानों को संक्रमित
Crimean-Congo hemorrhagic fever: कोरोना वायरस महामारी के बाद एक और वायरस की एंट्री से दुनियाभर में हाहाकार मच गया है. ये वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. जिससे हर दूसरे इंसान की मौत का खतरा है. इस नए वायरस का नाम क्रिमियन-कांगो हेमोर
highlights
- कोरोना से भी खतरनाक है क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार
- हर दूसरे संक्रमित की मौत का खतरा
- जानवरों से इंसानों में पहुंचता है ये वायरस
New Delhi:
Crimean-Congo hemorrhagic fever: कोरोना वायरस महामारी के बाद एक और वायरस की एंट्री से दुनियाभर में हाहाकार मच गया है. ये वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. जिससे हर दूसरे इंसान की मौत का खतरा है. इस नए वायरस का नाम क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार (Crimean-Congo hemorrhagic fever) है. जानकारी के मुताबिक, क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार पर जलवायु परिवर्तन का भी असर हो रहा है. जिसके चलते वह और तेजी से फैल रहा है.
जानवरों से इंसानों में पहुंच रहा ये वायरस
सबसे हैरानी की बात तो ये है कि ये वायरस जानवरों से इंसानों में फैल रहा है. क्रीमियन-कांगों हेमोरेजिक बुखार का सबसे पहला मामला ब्रिटेन और फ्रांस में देखने को मिला है. बताया जा रहा है कि ये वायरस संक्रमित जानवरों के मांस का सेवन करने से इंसानों में फैल रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस वायरस का भी अभी तक इलाज या वैक्सीन नहीं बनी है. जिससे मरीज को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके. जिसके चलते इस वायरस से पीड़ितों को समय पर इलाज मिलने की चुनौती भी बनी हुई है.
क्या हैं क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार के लक्षण
दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस की भी शुरुआत में कोई वैक्सीन नहीं थी, जिसके गंभीर संक्रमण से जूझ रहे लाखों मरीजों की जान चली गई. इसी तरह से नए वायरस की भी अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं है जो चिंता वाली बात है. इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके साथ ही कछ लोगों में गला खराब, उल्टी आने की समस्या, आंखों में दर्द, या फिर जलन महसूस हो सकती है. यही नहीं ये बुखार भी डेंगू की तरह ही ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है. जिससे मरीज की मौत का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
कितना खतरनाक है नया वायरस
महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि वैसे तो ये बुखार नया नहीं है. पहले भी दुनियाभर में इसके मामले सामने आ चके हैं. यही नहीं भारत में भी इसके मामले देखने को मिल चुके हैं. खतरनाक होने के बावजूद ये वायरस इंसानों से इंसानों में काफी मुश्किल से फैलता है. सबसे पहले साल 1944 में क्रीमिया में इस वायरस का केस सामने आया था. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से मृत्युदर 40 फीसदी है, जो कोविड की तुलना में काफी ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि टिंक कीड़े के काटने से पहले ये जानवरों को संक्रमित करता है और संक्रमित जानवर का मांस खाने से ये वायरस इंसानों में पहुंच जाता है.
कांगो फीवर से अफगानिस्तान में 90 से ज्यादा लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नए वायरस यानी क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार से अफगानिस्तान में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. तखार प्रांतीय अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारियों ने पिछले महीने कांगो बुखार के तीन मामले दर्ज किए, जिन्हें क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई. अन्य दो को कथित तौर पर चिकित्सा देखभाल के लिए काबुल के संक्रामक रोग अस्पताल में रैफर किया गया था.
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