FASTag: भारत में Paytm के अलावा ये कंपनियां भी देती हैं फास्ट टैग की सुविधा, देखें यहां
FASTag: फास्ट टैग एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक टोल है जो वाहनों के लिए द्वारा यातायात शुल्क का भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है
New Delhi:
FASTag: फास्ट टैग एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक टोल है जो वाहनों के लिए द्वारा यातायात शुल्क का भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है. यह एक चिप युक्त टैग होता है जिसे वाहन की विंडशील्ड पर लगाया जाता है और जिसके माध्यम से वाहन के पास टोल प्लाज़ा के माध्यम से आते हुए रोड टोल का भुगतान स्वत: हो जाता है. यह सिस्टम ट्रैफिक को कम करने, फास्ट और सुरक्षित ट्रांजिट की व्यवस्था करने में मदद करता है. फास्ट टैग का उपयोग टोल प्लाज़ा पर ट्रैफिक को धीमा करने और भुगतान के समय की बचत करने में मदद करता है, जो यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक होता है. पेटीएम फास्ट टैग (Paytm Fastag) का विवाद उस समय शुरू हुआ जब पेटीएम ने फास्ट टैग सेवा को लांच किया और इसे ऑनलाइन पेमेंट और टोल टैक्स के भुगतान के लिए उपलब्ध किया. पहले से ही फास्ट टैग सेवा प्रदान कर रही कई अन्य कंपनियों के बीच इस नई प्रवेश ने बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी. यह विवाद पेटीएम के फास्ट टैग को उन अन्य कंपनियों के साथ तुलना करके उसकी प्रभावकारिता, प्रतिस्पर्धा, और बाजार में उसकी प्रवेश की प्रक्रिया के संबंध में उठा.भारत में फास्ट टैग बनाने वाली पेटीएम के अलावा कई अन्य कंपनियां हैं. यहां कुछ प्रमुख कंपनियों का संदर्भ दिया गया है:
आइसीसीआईसी: भारतीय रिजर्व बैंक के अधीनस्थ एजेंसी, आइसीसीआईसी भारत में फास्ट टैग सेवाएं प्रदान करती है.
एचडीएफसी बैंक: हाउजिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचडीएफसी बैंक) भारत में फास्ट टैग सेवाएं प्रदान करता है.
एचडीएफसी ट्रूस्ट: एचडीएफसी ट्रूस्ट भारत में फास्ट टैग कार्डों के निर्गमन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है.
यूआरबीआई: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूआरबीआई) भारत में फास्ट टैग सेवाएं प्रदान करता है.
एचडीएफसी बैंक: हाउजिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचडीएफसी बैंक) भारत में फास्ट टैग सेवाएं प्रदान करता है.
यह कुछ प्रमुख कंपनियाँ हैं जो भारत में फास्ट टैग सेवाएं प्रदान करती हैं, लेकिन इसके अलावा भी कई और कंपनियाँ हैं जो इस सेवा को प्रदान करती हैं.
आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक (आरबीआई) की जांच में पेटीएम बैंक लिमिटेड की कार्यप्रणाली में तमाम धांधलियां सामने आई है. इसके साथ ही पेटीएम बैंक ने आरबीआई के नियमों का भी उल्लंघन किया है. आरबीआई ने अपनी जांच में पाया कि पेटीएम बैंक में एक डॉक्यूमेंट पर हजारों की संख्या में खाते खोले गए हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन भी हुआ है. यही वजह है कि आरबीआई ने पेटीएम की सुविधाओं को 15 मार्च के बाद बंद करने का फैसला किया है. 15 मार्च के बाद पेटीएम अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग में किसी तरह का क्रेडिट स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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