बीजेपी से गोरखपुर सहित पांच महानगरों के मेयर सीट पर दावेदारी कर रहा कायस्थ समाज
उत्तर प्रदेश में इस साल होने वाले नगर निकाय के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं. इन चुनावों में विधानसभा चुनावों की तरह एक बार फिर जातिगत समीकरण सभी मुद्दों पर हावी होते दिख रहे हैं.
गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश में इस साल होने वाले नगर निकाय के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं. इन चुनावों में विधानसभा चुनावों की तरह एक बार फिर जातिगत समीकरण सभी मुद्दों पर हावी होते दिख रहे हैं. ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम, राजभर और निषाद बिरादरी के वोट बैंक को सहेजने की कोशिश में लगी सभी सियासी पार्टियां उस बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी हुई हैं, जो लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करता है.
उत्तर प्रदेश में कायस्थ बिरादरी भी अब अपने समाज के हक और सम्मान को लेकर चुनाव में मुखर दिखाई दे रही है. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा इस समय पूरे प्रदेश के सभी जिलों में अपने संगठन को मजबूत कर नगर निकाय और लोकसभा चुनाव में अपनी भागीदारी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पदाधिकारी इस समय सभी महानगरों में कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए सम्मेलन कर रहे हैं तथा अपनी ताकत को और मजबूत कर भारतीय जनता पार्टी से उत्तर प्रदेश के नगर निगम की 5 सीटों पर दावेदारी कर रही है.
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रसेन श्रीवास्तव का कहना है कि गोरखपुर में कायस्थ बिरादरी नगर निकाय चुनाव में हमेशा निर्णायक भूमिका अदा करती है. साठ के दशक में गोरखपुर में स्थापित चित्रगुप्त मंदिर सिर्फ गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के कायस्थ समाज को राजनीतिक दिशा देता चला आया है. यहां से जिस भी प्रत्याशी को सपोर्ट करने के लिए निर्णय लिया जाता है यह बिरादरी उसी के साथ खड़ी नजर आती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में सभी सियासी पार्टियों के द्वारा उपेक्षा से आज का इस बिरादरी के लोग नाराज नजर आ रहे हैं.
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि सूबे में करीब 3 फीसदी कायस्थ वोटर हैं, जो मौजूदा समय में बीजेपी के साथ मजबूत के साथ जुड़े हुए हैं. गोरखपुर, लखनऊ, बनारस और इलाहाबाद सहित यूपी के कई बड़ों शहरों में कायस्थ समुदाय की संख्या 10 फीसदी से अधिक है, जो किसी भी राजनीतिक दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है. एक दौर में कायस्थ कांग्रेस के साथ हुआ करता था, लेकिन राम मंदिर आंदोलन से बीजेपी के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है.
गोरखपुर के नगर निगम के चुनाव में सबसे अधिक वोटर कायस्थ बिरादरी के हैं, लेकिन आज तक बीजेपी ने किसी भी कायस्थ को यहां से टिकट नहीं दिया है. ऐसे में इस बार कायस्थ बिरादरी अपने लोगों को एकजुट कर बीजेपी पर दबाव बना रही है. इनका कहना है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने के लिए कायस्थ समाज ने एकजुट होकर मतदान किया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने सिर्फ एक मंत्री बना कर कायस्थ समाज को उसकी उचित भागीदारी नहीं दी है.
गोरखपुर शहर में सवा लाख से अधिक कायस्थ बिरादरी के वोटर दशकों के बाद अपने हक के लिए मुखर हुए हैं और इनका मानना है कि अगर बीजेपी ने इस बार इनकी सुध नहीं ली तो यह कोई दूसरा विकल्प सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार