जानिए कौन है NRC की प्रमुख धुरी कहे जाने वाले प्रतीक हजेला
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की लिस्ट जारी कर दी गई है. इस लिस्ट में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है. दरअसल, असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है
नई दिल्ली:
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की लिस्ट जारी कर दी गई है. इस लिस्ट में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है. दरअसल, असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है. एनआरसी के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया, कुल 3,11,21,004 व्यक्तियों को NRC के लिए योग्य पाया गया है. 19,06,657 व्यक्ति इसमें अयोग्य पाए गए हैं. इन लोगों ने अपने दावे पेश नहीं किए थे. अब इन लोगों के सामने विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प होगा.
NRC की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद देशभर में इसको लेकर चर्चा जोरों पर हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं प्रतीक हजेला जिन्हें एनआरसी का प्रमुख धुरी कहा जाता है. दरअसल असम के नागरिकों 3.3 करोड़ लोगों ने 6.6 कागजात ये साबित करने के लिए लगाए थे कि वह वहां 1971 के पहले से रह रहे हैं. प्रतीक हजेला के पास इन कागजातों की छानबीन करने की जिम्मेदारी थी. हालांकि वो एनआरसी प्रक्रिया से कैसे जुड़े इसकी कहानी भी दिलचस्प है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 1995 बैच के आइएएस हजेला जुलाई 1996 में पहली बार असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर असम के सिलचर में आए थे.
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इसके बाद 2013 में उन्हें कमिश्नर बनाया गया और गृह औऱ राजनीतिक विभाग के सचिव भी बनाए गए. इस दौरान उन्होंने एनआरसी को अपडेट किए जाने की प्रक्रिया में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के तहत राज्य संयोजक की भूमिका भी बतौर नोडल अधिकारी स्वीकार की. इस जिम्मेदारी को सौंपते ही हजेला ने 6 महीनों के अंदर अकेले ही एनआरसी प्रक्रिया का आधारभूत ढांचा खड़ा कर दिया र 2014 तक 10.12 लोगों की टीम बना ली.य उन्होंने अकेले ही एनआरसी अपडेशन का टेक्निकल स्टेटस बनाया.
जानकारी के मुताबिक हजेला ने भी एनआरसी के लिए आवेदन किया था. 31 दिसंबर 2017 को जब पहला ड्राफ्ट जारी हुआ तो उसमें उनका औऱ उनकी बेटी का नाम नहीं था. राज्य में अन्य लोगों की तरह हजेला और उनकी बेटी भी सुनवाई के लिए पहुंचे जिसके बाद आखिरी ड्राफ्ट में उनका नाम शामिल हुआ.
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हालांकि पिछले कुछ समय से राज्य सरकार और बीजेपी की राज्य इकाई हजेला का ये कहकर विरोध करती आई है कि वह 'कुछ ताकतों' के निर्देश पर काम कर रहे हैं ताकि एनआसी की गलत सूची जारी हो सकें और उनमें उन लोगों के नाम भी शामिल हो सकें जो असंवैधानिक रूप से रह रहे हैं.
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