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Puri: पहंडी अनुष्ठान के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत

विश्व प्रसिद्ध पुरी के श्री जगन्नाथ धाम में जगन्नाथ रथ यात्रा की भव्य शुरूआत हो रही है. रथ यात्रा की शुरुआत पहंडी विधि के साथ हुई, जिसमें भगवान जगन्नाथ को पारंपरिक तरीके से रथ तक ले जाया जाता है.

Updated on: 01 Jul 2022, 09:02 AM

highlights

  • भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू
  • धार्मिक अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद होगी यात्रा
  • पहंडी अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ रथ यात्रा कार्यक्रम

पुरी:

विश्व प्रसिद्ध पुरी के श्री जगन्नाथ धाम में जगन्नाथ रथ यात्रा की भव्य शुरूआत हो रही है. रथ यात्रा की शुरुआत पहंडी अनुष्ठान के साथ हुई, जिसमें भगवान जगन्नाथ को पारंपरिक तरीके से रथ तक ले जाया जाता है. बता दें कि विधि के मुताबिक, जब तीनों रथ तैयार हो जाते हैं, तब 'छर पहनरा' नामक अनुष्ठान संपन्न किया जाता है. इसके तहत पुरी के गजपति राजा पालकी में यहां आते हैं और इन तीनों रथों की विधिवत पूजा करते हैं और ‘सोने की झाड़ू’ से रथ मण्डप और रास्ते को साफ़ करते हैं.

इस बीच पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के लिए 'पहंडी' अनुष्ठान शुरू हो गया है. COVID महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है.

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आपको बता दें कि भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ 45.6 फीट ऊंचा, बलरामजी का तालध्वज रथ 45 फीट ऊंचा और देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ 44.6 फीट ऊंचा होता है. इन तीनों रथों को बिना किसी कील या लोहे के इस्तेमाल के बनाया जाता है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने पहुंचे एक श्रद्धालु ने बताया कि 2 साल बाद हम यहां आए हैं, बहुत खुशी है. जगन्नाथ जी पर लोगों की श्रद्धा और आस्था आज भी वैसी ही बनी हुई है जैसी हमेशा से थी. लोग कहते हैं कि इस रथ को खींचना अपने आप में एक अच्छी अनुभूति है. जो भी इस रथ को खींचता हैं, जगन्नाथ जी की उस पर विशेष कृपा होती है.