1000 करोड़ के अवैध खनन से सुर्खियों में साहिबगंज, माइनिंग माफियाओं के हौसले बुलंद
साहिबगंज वैसे तो ये जिला अपनी प्राकृति सुंदरता के लिए जाना जाता था, लेकिन बीते कुछ सालों से माइनिंग माफियाओं की करतूत ने इस जिले को विवादों से जोड़ दिया है.
highlights
- अवैध खनन की वजह से विवादों में साहिबगंज
- 1000 करोड़ अवैध खनन का हो चुका है खुलासा
- जिला प्रशासन और पुलिस सवालों के घेरे में
Sahibganj:
साहिबगंज वैसे तो ये जिला अपनी प्राकृति सुंदरता के लिए जाना जाता था, लेकिन बीते कुछ सालों से माइनिंग माफियाओं की करतूत ने इस जिले को विवादों से जोड़ दिया है. 1000 करोड़ के अवैध खनन के खुलासे ने पहले ही इस जिले को सुर्खियों में ला दिया. मामले में केंद्रीय एंजेसियों की जांच भी जारी है, लेकिन इस सब के बीच माइनिंग माफियाओं के हौसले हैं, जो आज भी उसी बुलंदी पर है. उन्हें ना तो शासन का डर है, ना ही प्रशासन का डर. आलम ये है कि दिन हो या रात माइनिंग माफिया धड़ल्ले से अवैध खनन करते हैं और बड़े आराम से परिवहन भी करते हैं. अवैध खनन मामले को लेकर ईडी की टीम साहिबगंज में लगातार कार्रवाई कर ही रही है.
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14 ओवरलोडेड ट्रक पकड़ा गया
एनजीटी की ओर से भी जिले में कई अवैध क्रशर और अवैध खनन पर एक्शन लिया गया है, लेकिन जिले में अवैध माइनिंग चिप्स से ओवरलोडेड गाड़ियों की आवाजाही में कोई कमी नहीं आई है. इसका ताजा उदाहरण जिले के बोरियों थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जहां चेक नाका से करीब 14 ओवरलोडेड बिना माइनिंग चालान के ट्रक को पकड़ा गया. डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने ये कार्रवाई की.
जिला प्रशासन सवालों के घेरे में
लगातार हो रहे अवैध खनन ने जिला प्रशासन को हमेशा सवालों के घेरे में रखा है. अधिकारियों और पुलिस प्रशासन पर माफियाओं से मिलीभगत के आरोप भी लगे हैं. इस बीच बोरियों थाना क्षेत्र के उपप्रमुख कैलाश प्रसाद ने बोरियो थाना प्रभारी और मुंशी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि मुंशी और थाना प्रभारी पासिंग गिरोह के मिलीभगत कर अवैध रूप से बिना माइनिंग चालान के ओवरलोड गाड़ियों को छोड़ देते हैं. इसके लिए हर ओवरलोडेड गाड़ियों से 1500 से 2000 तक की वसूली होती है.
जिला प्रशासन और पुलिस दोनों ही कटघरे में
इन आरोपों के बाद साहिबगंज जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों ही कटघरे में है. हालांकि मामले को लेकर सवाल करने पर एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात तो कही है, लेकिन ये कार्रवाई होगी भी या नहीं इस पर संशय है. साहिबगंज दबंग खनिज और पत्थरमाफियाओं के जद में आ गया है. जिले की खनिज संपदा और खूबसूरती को अधिकारियों की मिलीभगत से लूटने की कोशिश की जा रही है. जरूरत है कि जल्द से जल्द तमाम माफियाओं के साथ भ्रष्ट अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाए ताकि अवैध खनन का ये गोरखधंधा बंद हो सके.
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