झारखंड का रहस्यमयी पेड़, लोगों की हर मन्नत इसके नीचे होती है पूरी
जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच बसे बेंदी गांव में स्थित एक बरगद का पेड़ जिसकी उम्र लगभग ढाई सौ वर्ष है. इसकी विशेषता है कि इसके छांव में बैठने वाले लोगों के लिए यह स्वीटजरलैंड साबित होता है.
Koderma:
पेड़ धरती पर हमारे लिए एक वरदान है. अगर ये ना हो तो हमारा भी अस्तित्व नहीं रहेगा लेकिन कुछ पेड़ ऐसे भी है. जो अपने आप में एक रहस्य है. जिसके बारे में आज तक लोग नहीं जान पाए हैं. एक ऐसा ही पेड़ झारखंड के कोडरमा में है. जिसकी उम्र का पता लगा पाना मुश्किल है. लोग आज तक इसकी मुख्य जड़ को नहीं खोज पाए हैं. लोगों का माना है कि इस पेड़ में भगवान बसते हैं. जो हर मन्नत को पूरी करते हैं. जिसके बाद उन्हें बलि भी चढ़ाई जाती है.
जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच बसे बेंदी गांव में स्थित एक बरगद का पेड़ जिसकी उम्र लगभग ढाई सौ वर्ष है. इसकी विशेषता है कि इसके छांव में बैठने वाले लोगों के लिए यह स्वीटजरलैंड साबित होता है. आसपास में रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार इस पेड़ में एक देवता रहते हैं. जिनका नाम बड़का गोसाई है. लोगों की माने तो गांव में किसी भी तरह का संकट आने पर इस पेड़ के पास आकर ग्रामीण मन्नत की मांग करते हैं. मन्नत पूर्ण होने पर बलि पूजा करते हैं.
ग्रामीणों की माने तो गर्मी के समय इस पेड़ की छांव में रहने पर एसी जैसा अहसाह होता है. जो स्वीटजरलैंड की याद दिलाता है. इस पेड़ में सैकड़ों जड़े हैं जिससे यह साबित करना नामुमकिन है कि कौन सा जड़ मुख्य जड़ है. आज तक यह रहस्य बना हुआ है. आपको बता दें कि, मन्नत पूरी होने के बाद लोग यहां बकरे और मुर्गे की बलि देते हैं
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