किश्तवाड़ में पकड़े गए ISI एजेंट ने किया "कश्मीर जांबाज फोर्स" के नेटवर्क को डिकोड
किश्तवाड़ में पकड़े गए ISI एजेंट मौलवी अब्दुल वाहिद की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में अब सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कई बड़ी खुफिया जानकारियां हाथ लगी है।
नई दिल्ली:
किश्तवाड़ में पकड़े गए ISI एजेंट मौलवी अब्दुल वाहिद की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में अब सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कई बड़ी खुफिया जानकारियां हाथ लगी है। जासूस मौलवी के मोबाइल फोन में सुरक्षा एजेंसियों को "जांबाज सिपाही कश्मीर फोर्स" नाम के ग्रुप की जानकारी हाथ लगी है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंट और पाकिस्तानी आतंकी संगठन "कश्मीरी जांबाज फोर्स" ने पहले फेसबुक के जरिए मौलवी से संपर्क साधा। जिसके बाद उसे "जांबाज सिपाही कश्मीर फोर्स" व्हाट्सएप में शामिल किया गया। इसी ग्रुप में मौलवी सेना के कैंप , मूवमेंट और डिप्लॉयमेंट की संवेदनशील तस्वीरें और वीडियो ग्रुप में डालना शुरू हो गया। सेना इस बात की भी जानकारी जुटा रही है की इसकी एवज में मौलवी को कितने पैसे दिए जा रहे थे।
सूत्रों की माने तो पाकिस्तान एजेंसी के चंगुल में पूरी तरह फंस चुका मौलवी एक साथ कई तरह के काम पाकिस्तान में बैठे एजेंट तैयब फारूकी उर्फ उमर तैयब के लिए व्हाट्सएप के जरिए कर रहा था। सेना और पुलिस की अलग अलग जानकारियों के साथ मौलवी एक मस्जिद में मौलाना का काम कर रहा था। साथ ही मदीनातुल उलूम दरसगाह दाडपेठ में मदरसे में भी बच्चो को पड़ा रहा था। सूत्रों के मुताबिक मौलवी को उसके पाकिस्तानी हैंडलर ने दूसरे लोगो को अपने साथ जुड़ने का भी काम दिया था। इसके साथ मदरसे में पड़ रहे बच्चो को भी रेडिकलाइज कर उन्हे आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के काम में भी ये मौलवी लगा हुआ था।
सुरक्षा बलो को मौलवी के कई दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट भी हाथ लगे है जिनसे वह पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संपर्क करता था। इसके साथ साथ मौलवी को अपने मोबाइल को साफ रखने और समय समय पर मोबाइल बदलने की हिदायत भी मिली हुई थी। सुरक्षा एजेंसी अब मौलवी से जुड़े दूसरे लोगो की भी तलाश कर रही है। व्हाट्सएप ग्रुप में मोजूद कई दूसरे नंबरों की सर्विलेंस की जा रही है। पुलिस के मुताबिक जल्द ही कुछ दूसरे लोगो की गिरफ्तारी भी इस मामले में की जा सकती है।
वही अगर बात करे तो कश्मीर जांबाज फोर्स उर्फ मुस्लिम जाबाज़ फोर्स नाम के आतंकी संगठन की बात करे तो 1990 के दौर में ये आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में काफी एक्टिव था लेकिन 1993 के बाद ये पूरी तरह से खत्म हो चुका था। लेकिन हालही में घाटी में हुई कृष्णा ढाबा के मालिक की हत्या के बाद मुस्लिम जांबाज फोर्स नाम के इस आतंकी संगठन हत्या की ने ज़िमेदारी ली थी। इसके बाद एक बार फिर ये संगठन घाटी के साथ अब सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर जम्मू के इलाकों में अपने आतंक के नेटवर्क को फैलने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को मिली इस कामयाबी के बाद अब इस पूरे नेटवर्क को डिकोड किया जा रहा है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग