अपोलो में मिला ब्लैक फंगस का मरीज, डेंगू के बाद दिखा ये लक्षण
रोगी डेंगू से स्वस्थ होने के 15 दिन बाद एक आंख की रोशनी अचानक से चले जाने की शिकायत लेकर अस्पताल आया था.
highlights
- दिल्ली के अपोलो अस्पताल में म्यूकरमाइकोसिस का मरीज
- ब्लैक फंगस इंफेक्शन पोस्ट कोविड-19 मरीजों में सबसे अधिक
- यह इंफेक्शन डायबिटीज मरीजों को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के बीच दक्षिण दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) में म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस (Black Fungus) का दुर्लभ मामला सामने आया है. अस्पताल में डेंगू से स्वस्थ हुए 49 वर्षीय रोगी में म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण पाए गये हैं. अपोलो के डॉक्टरों ने शनिवार को यह जानकारी दी. दिल्ली नगर निगम की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में 6 नवंबर तक डेंगू से मौत के नौ मामले सामने आये हैं और 2,708 लोग डेंगू से ग्रस्त हो चुके हैं. यह इस अवधि में 2017 के बाद से डेंगू के सर्वाधिक मामले हैं. नवंबर के पहले सप्ताह में डेंगू के 1,170 से अधिक मामले रहे थे.
अपोलो अस्पताल ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘अस्पताल में डॉक्टरों के एक दल के सामने 49 वर्षीय एक पुरुष में डेंगू के बाद म्यूकरमाइकोसिस का दुर्लभ मामला सामने आया है.’’
रोगी डेंगू से स्वस्थ होने के 15 दिन बाद एक आंख की रोशनी अचानक से चले जाने की शिकायत लेकर अस्पताल आया था. इससे पहले कोविड-19 (COVID-19)की दूसरी लहर के दौरान देशभर में कोरोना वायरस से स्वस्थ हुए अनेक रोगियों में ‘ब्लैक फंगस’ (Black Fungus) के मामले सामने आये थे.
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अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि डेंगू के बाद म्यूकरमाइकोसिस नया मामला है और हाल में इस बीमारी से ग्रस्त हुए लोगों को अपनी सेहत पर लगातार नजर रखनी चाहिए. जब रोगी अस्पताल आया तो ब्लैक फंगस का दुर्लभ मामले का पता चला जिसमें डेंगू के बुखार के बाद उनकी एक आंख की रोशनी अचानक से चली गयी.
म्यूकर माइकोसिस को ब्लैक फंगस इंफेक्शन भी कहा जाता है. पोस्ट कोविड-19 मरीजों में यह बीमारी सबसे अधिक उभर कर आ रही है. यह फंगल इंफेक्शन नाक से शुरू होता है, इसके बाद मुंह में होता है, फिर आंखों में पहुंचता है और फिर दिमाग तक चला जाता है. सही वक्त पर लक्षण पहचान कर इलाज भी संभव है. हालांकि यह इंफेक्शन डायबिटीज मरीजों को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है.
म्यूकर माइकोसिस बीमारी का खतरा इन 6 लोगों को अधिक है:
1.डायबिटीज के मरीजों में
2.स्टेरॉयड का अधिक सेवन करने वालों में
3.ICU में रहने वाले मरीजों में
4.गंभीर बीमारियों का शिकार हो
5.पोस्ट ट्रांसप्लांट और मैलिग्नेंसी वाले लोगों में
6.वोरिकोनाज़ोल थेरेपी वाले लोगों में
म्यूकर माइकोसिस के लक्षण:
1.साइनस की परेशानी होना, नाक बंद हो जाना, नाक की हड्डी में दर्द होना
2.नाक से काला तरल पदार्थ या खून बहना
3.आंखों में सूजन, धुंधलापन दिखना
4.सीने में दर्द उठना
5.सांस लेने में समस्या होना
6.बुखार
ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचाव के लिए क्या करें:
1.कोविड से ठीक होने के बाद अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें.
2.डॉ. की सलाह से ही स्टेरॉयड का उपयोग करें, उनकी सलाह से ही स्टेरॉयड के डोज कम ज्यादा करें.
3.डॉ. की सलाह से ही एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयां का उपयोग करें.
4.ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का इस्तेमाल करें.
5.हाइपरग्लाइसीमिया को नियंत्रण में रखें.
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