जेएनयू देशद्रोह मामले में 7 आरोपियों को कोर्ट ने दी जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) राजद्रोह मामले में सात आरोपियों को जमानत दे दी.
highlights
- कोर्ट ने JNU राजद्रोह मामले में सात आरोपियों को जमानत दे दी
- कन्हैया कुमार, उमर खालिद को पहले ही अदालत ने मामले में जमानत दे दी थी
- फरवरी, 2016 को कथित तौर पर 'राष्ट्रविरोधी' नारे लगाए गए थे
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) राजद्रोह मामले में सात आरोपियों को जमानत दे दी. अदालत ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर अकीब हुसैन, मुजीब हुसैन गट्ट, मुनीब हुसैन गट्टू, उमर गुल, रेयीया रसूल, खालिद बशीर भट और बशारत अली को जमानत दे दी. कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को पहले ही अदालत ने मामले में जमानत दे दी थी. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा, "हम चार्जशीट की आपूर्ति का आदेश देते हैं. आज सभी आरोपियों को चार्जशीट दी जाए." अदालत ने दस्तावेजों की जांच के लिए मामले को 7 अप्रैल तक के लिए टाल दिया. सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया.
और पढ़ें: OBE: तकनीकी उलझन से न डरें, प्रोफेसर बताएंगे क्या करें और क्या ना करें
पिछले महीने, अदालत ने 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) देशद्रोह मामले (JNU sedition case) में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था, जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और आठ अन्य आरोपी हैं.
2002 के संसद हमले में दोषी अफजल गुरु को दी गई मौत की सजा के विरोध में बुलाए गए एक कार्यक्रम के दौरान 9 फरवरी, 2016 को कथित तौर पर 'राष्ट्रविरोधी' नारे लगाए गए थे.
न्यायाधीश ने आदेश में कहा, "आरोप पत्र और सामग्री पर सावधानी से विचार करने के बाद, उपरोक्त सभी अभियुक्तों को अपराध के लिए मुकदमे का सामना करने के लिए समन दिया गया है. अभियुक्तों को 15.03.2021 के लिए तलब किया गया है." दिल्ली सरकार द्वारा 27 फरवरी, 2020 को अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के ठीक एक साल बाद मामले में संज्ञान लिया गया.
ये भी पढ़ें: नई शिक्षा नीति के तहत नीट परीक्षा, हिंदी में भी परीक्षा देने का विकल्प
1,200 पन्नों की चार्जशीट में इन अभियुक्तों के नाम हैं. क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (आरएफएसएल) ने उमर खालिद की ओर से कन्हैया कुमार को भेजे गए एसएमएस को प्राप्त किया है, जिसमें खालिद, कन्हैया को साबरमती ढाबा बुलाते हैं. क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शन करने की अनुमति रद्द कर दी थी.
आरोप पत्र के अंतिम पृष्ठ भी प्रदर्शन के दौरान कश्मीरी छात्रों की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं और वे उमर खालिद के संपर्क में थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार