रामविलास पासवान की दूसरी पुण्यतिथि आज, जानें क्यों कहा जाता था, उन्हें राजनीति का मौसम वैज्ञानिक
राजनीतिक गुरु कह जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की आज दूसरी पुण्यतिथि है. उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर चिराग पासवान उनकी प्रतिमा स्थापित करेंगे. शहरबन्नी, खगड़िया में रामविलास पासवान के आदम कद प्रतिमा का आज अनावरण होने जा रहा है.
Patna:
राजनीतिक गुरु कह जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की आज दूसरी पुण्यतिथि है. उन्हें राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था. आज उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान उनकी प्रतिमा स्थापित करेंगे. शहरबन्नी, खगड़िया में रामविलास पासवान के आदम कद प्रतिमा का आज अनावरण होने जा रहा है. उनके पुण्यतिथि पर आज हम जानेंगे कौन थे रामविलास पासवान क्यों उनके बिना बिहार की राजनीति अधूरी है.
दलितों का बड़ा चेहरा थे रामविलास पासवान
बिहार की राजनीति की अगर चर्चा हो और रामविलास पासवान का नाम ना आए ऐसा तो हो नहीं सकता. रामविलास पासवान दलितों का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते थे. उन्होंने एक अलग ही वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था. 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने वाले पहले नेता थे रामविलास पासवन. 5 जुलाई 1946 को रामविलास पासवान का जन्म हुआ था. उनके पिता जामुन और माता सिया देवी को पहले से ही पता था कि उनका पुत्र समाज के लिए कुछ अलग करेगा.
कैसा रहा उनका बचपन
रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया जिले में 5 जुलाई 1946 को हुआ था. 3 भाइयों में रामविलास पासवान सबसे बड़े थे. उनके छोटे भाई रामचंद्र पासवान का निधन हो चुका है. रामविलास पासवान का भी 8 अक्टूबर 2020 को निधन हो गया. तीन भाइयों में अब केवल पशुपति पारस ही बचे है जो कि अभी केंद्र में मंत्री हैं. उनके माता पिता को पहले से ही उनसे उम्मीद थी की वो बाकियों से अलग है इसलिए उनका नाम राम रखा गया.
रामविलास के गुरु थे मधु लिमिये
मधु लिमिये एक समजवादी नेता थे. रामविलास पासवान इनके करीब आए और राजनीति का दांव - पेंच इनसे ही सीखा. रामविलास के गुरु थे मधु लिमिये. उस वक्त मुंगेर में चुनाव था रामविलास ने मधु लिमिये के चुनाव प्रचार में खूब मदद की जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की नज़र उन पर पड़ी और फिर सोशलिस्ट पार्टी से विधायक के लिए उन्होंने चुनाव लड़ा और कांग्रेस के बड़े नेता मिश्री सदा को मात दे कर जीत हासिल कर ली और फिर हाजीपुर की ओर रुख किया.
रामविलास पासवान को क्यों कहा जाता था भारत की राजनीति का मौसम वैज्ञानिक
रामविलास पासवान चुनाव से पहले ही भांप लेते थे कि जनता का मूड क्या है. यही वजह है कि रामविलास पासवान 1990 से हमेशा सत्ता के साथ रहें. केवल 2009 का लोकसभा चुनाव अपवाद है जब रामविलास पासवान राजनीतिक मौसम वैज्ञानिक रूप में फेल रहे थे. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी हमेशा कहते थे कि रामविलास पासवान से अच्छा राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कोई हो ही नहीं सकता.
6 प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम
रामविलास पासवान ने 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है. ऐसा पहली बार हुआ था की बिहार के किसी मंत्री ने 6 बार कैबिनेट में रह कर प्रधानमंत्री के साथ काम किया. पहली बार वह 1989 में वीपी सिंह की सरकार में मंत्री बने थे. दूसरी बार 1996 में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में वह रेल मंत्री बने. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रामविलास पासवान संचार मंत्री थे. 2004 में वह यूपीए से जुड़े और मनमोहन सरकार में रसायन मंत्री बने थे. 2014 में एनडीए में शामिल हुए और नरेंद्र मोदी की सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री बने.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ है नाम
रामविलास पासवान का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. उन्होंने 1977 में जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रिकॉर्ड मतों से हाजीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी.
उनकी प्रेम कहानी ने भी खूब बटोरी थी सुर्खियां
उनकी पहली शादी 14 साल की उम्र में राजकुमारी देवी से हुई थी. 1981 में रामविलास ने उन्हें तलाक दे दिया और एयर होस्टेज रीना शर्मा से शादी कर ली. रामविलास पासवान और रीना शर्मा की मुलाकात काफी दिलचस्प है. रीना पेशे से एयर होस्टेस थीं और दोनों की मुलाकात एक हवाई सफर के दौरान हुई थी. इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और साल 1983 में दोनों ने शादी कर ली. इस शादी को उन्होंने लंबे समय तक लोगों की जानकारी से छुपा कर भी रखा था. उनकी पहली पत्नी से उन्हें दो बेटियां हैं जबकि दूसरी पत्नी से चिराग पासवान और एक बेटी है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: बरूथिनी एकादशी व्रत आज, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और कथा
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग