बिहार के इस स्थान पर देखें देवी मां की चलती-फिरती और बोलती मूर्तियां, 38 सालों से चली आ रही है ये प्रथा
नवरात्रि का पवित्र महीना चल रहा है और हर तरफ दुर्गा पूजा को लेकर काफी उत्साह है. वहीं जगह-जगह मां दुर्गा की अलग-अलग मूर्तियां स्थापित की जाती हैं, लेकिन आज हम इस खबर में जिन मूर्तियों के बारे में बात कर रहे हैं, यह आम मूर्तियों से अलग हैं.
highlights
- पटना में देवी मां की चलती-फिरती और बोलती मूर्तियां
- 38 सालों से चली आ रही है ये प्रथा
- 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु करते हैं दर्शन
Patna:
नवरात्रि का पवित्र महीना चल रहा है और हर तरफ दुर्गा पूजा को लेकर काफी उत्साह है. वहीं जगह-जगह मां दुर्गा की अलग-अलग मूर्तियां स्थापित की जाती हैं, लेकिन आज हम इस खबर में जिन मूर्तियों के बारे में बात कर रहे हैं, यह आम मूर्तियों से अलग हैं. दरअसल, पुराने पटना के भट्ठी इलाके में स्थित नुरुद्दीनगंज मोहल्ले में पिछले 38 सालों से बिना किसी आधुनिक मशीन के यह अनोखा प्रयोग चल रहा है. बता दें कि इसको लेकर मंदिर परिषद के पदाधिकारी और सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, ''इसकी तैयारी करीब एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती है. इसमें बड़े, जवान और बूढ़े सभी कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात काम करते हैं. यह परंपरा पिछले 38 सालों से चली आ रही है.''
यह भी पढ़ें: Durga Puja 2023: 60 साल पुराना है मां दुर्गा का यह मंदिर, यहां पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना; जानें
इस बार काफी खास दृश्य को किया गया है जीवंत
आपको बता दें कि श्री भरत मंदिर विकास परिषद की ओर से हर साल दशहरे के दौरान अलग-अलग थीम पर मूर्तियां बनाई जाती हैं. वहीं, झांकी के अनुभवी निर्देशक विजय कुमार पाल ने लोकल 18 को बताया कि यहां पिछले 38 सालों से आपसी सहयोग से इसी तरह की चलंत मूर्तियां बनाई जा रही हैं. इसके लिए भारत मंदिर परिषद को कई बार सम्मानित किया जा चुका है. सबसे खास बात यह है कि चलती-फिरती मूर्तियां बनाने में कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं है और सारा काम मोहल्ले के निवासियों द्वारा किया जाता है और मूर्तियों को जीवंत किया जाता है.
10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु करते हैं दर्शन
इसके साथ ही आपको बता दें कि इसको लेकर राजीव रंजन ने बताया कि, ''वह बचपन से ही इसे देखते आ रहे हैं। इन मूर्तियों को बनाने और चलाने के लिए देशी जुगाड़ का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, राजीव के मुताबिक, पहले मशीनें काफी भारी हुआ करती थीं, लेकिन आजकल मशीनें हल्की कर दी गई हैं.'' वहीं आगे राजीव रंजन ने बताया कि, ''यहां तीन दिन में करीब 10 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं, इसलिए प्रशासन की ओर से खास तैयारियां की जाती हैं.''
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Heeramandi: नेटिजेंस ने निकाली संजय लीला भंसाली की सीरीज में ये गलतियां, जानें क्या है पॉइट्स
-
Bharti Singh Hospitalization: कॉमेडियन भारती सिंह हुई अस्पताल में भर्ती, बॉडी के इस हिस्से की होगी सर्जरी
-
Jyothika Trolled: फिल्म प्रमोशन में शैतान एक्ट्रेस ज्योतिका ने कर दी ऐसी हरकत, सोशल मीडिया पर बन रहा मजाक
धर्म-कर्म
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: बरूथिनी एकादशी व्रत आज, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और कथा
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग