JDU में शामिल होते ही बुलो मंडल का आया बड़ा बयान, बताई RJD छोड़ने की वजह
बिहार में बढ़ते सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद बुलो मंडल गुरुवार (18 अप्रैल) को जेडीयू में शामिल हो गए, जिसके बाद जेडीयू नेताओं ने उनको सदस्यता दिलाई.
highlights
- JDU में शामिल होते ही बुलो मंडल का आया बड़ा बयान
- RJD को छोड़ने कि बताई बड़ी वजह
- कहा- 'RJD में काम करने वालों की पूछ नहीं'
Patna:
Bulo Mandal Joins JDU: बिहार में बढ़ते सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद बुलो मंडल गुरुवार (18 अप्रैल) को जेडीयू में शामिल हो गए. जिसके बाद पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उन्हें जेडीयू की सदस्यता दिलाई. वहीं जदयू में शामिल होते ही बुलो मंडल ने बताया कि उन्होंने राजद क्यों छोड़ा है. बता दें कि बुलो मंडल ने कहा है कि, ''पुरानी जो लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल थी वो अब रही नहीं. जो आंतरिक लोकतंत्र पार्टी के अंदर होता है, वह पूरी तरह समाप्त हो चुका है. हम लोगों को काम भी करना है, क्यों समाज से और लोगों से जुड़े हुए हैं. उनके काम को तो हम लोगों को करना है.''
यह भी पढ़ें: 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कर लिया गया है कैद?' - तेजस्वी यादव
'RJD में काम करने वालों की पूछ नहीं' - बुलो मंडल
वहीं आपको बता दें कि आगे बुलो मंडल ने कहा कि, ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17-18 सालों से यहां के सीएम हैं. 2006-07 में जब उनके क्षेत्र में कटाव का काम हो रहा था उस समय वह विपक्ष में थे, लेकिन आग्रह करने के बाद मुख्यमंत्री ने उस समय कटाव को रोकने के लिए लगभग 500 करोड़ दिया. ललन सिंह ने 10 से 12 किलोमीटर तक बांध का निर्माण करवाया था. जेडीयू में काम करने वाली टीम है. आरजेडी को अब मेरी जरूरत नहीं है. आरजेडी में काम करने वालों की पूछ नही हैं.''
आपको बता दें कि ललन सिंह ने इसको लेकर कहा है कि, ''बुलो मंडल का हमसे अच्छा संबंध रहा है. हमने कई बार इनसे कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमको छोड़ दीजिए. हम जहां हैं वहीं ठीक हैं, लेकिन आज इन्होंने राष्ट्रीय जनता दल को छोड़ा है. तो समझा जा सकता है कि कितनी बड़ी पीड़ा हुई होगी. अतिथि को सम्मान देने का काम जो नीतीश कुमार ने किया है, वह पूरे देश में किसी ने नहीं किया है.'' वहीं आगे राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसते हुए ललन सिंह ने कहा कि, ''सभी जगह से इंपोर्ट करके प्रत्याशी को ला रहे हैं और जो कुछ बच रहा है वह अपने परिवार को दे रहे हैं.''
दरअसल, भागलपुर से सांसद रह चुके बुलो मंडल इस बार उसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सीट बंटवारे में भागलपुर सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. इसके बाद से ही बुलो मंडल पार्टी से नाराज चल रहे थे और बुधवार (17 अप्रैल) को उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया.
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