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2 महीने के अंदर 2 लाख शिक्षकों को बांटे गए नियुक्ति पत्र, सरकारी स्कूलों की हालात में होगा सुधार

बिहार में महागठबंधन की सरकार ने पिछले दो महीने के अंदर शिक्षकों की बंपर भर्तियां की है, जिसके साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इसके साथ ही बिहार सरकार ने दो महीने में करीब दो लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा है.

Updated on: 14 Jan 2024, 04:16 PM

highlights

  • 2 महीने के अंदर 2 लाख शिक्षकों को बांटे गए नियुक्ति पत्र
  • सरकारी स्कूलों की हालात में होगा सुधार
  • एक हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च करने की योजना

Patna:

बिहार में महागठबंधन की सरकार ने पिछले दो महीने के अंदर शिक्षकों की बंपर भर्तियां की है, जिसके साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इसके साथ ही बिहार सरकार ने दो महीने में करीब दो लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा है. इसी के साथ उम्मीद लगाई जा रही है कि बिहार में सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार हो सकती है. हालांकि बिहार की शिक्षा व्यवस्था के क्या हाल है, यह किसी से छिपी नहीं है. वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं, लेकिन आज भी कुछ स्कूलों की हालत जस की तस है.  

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दो महीने के अंदर 2 लाख शिक्षकों में बांटे गए नियुक्ति पत्र

आपको बता दें कि सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं और यह स्कूलों की बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की ओर कदम बढ़ाए गए हैं. वहीं, सरकारी आंकड़ों की बात करें तो बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के पहले चरण में 1 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे, जिनको 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र बांटा गया था और इसी के साथ इतिहास रचा गया. इस दौरान सीएम नीतीश ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा था कि जल्द से जल्द दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित करें और अब 13 जनवरी को 94 हजार से अधिक शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र बांटा गया.

2024-25 में एक हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च करने की योजना

शिक्षक नियुक्ति से बिहार में शिक्षकों और छात्रों के अनुपात में सुधार हो रहा है. दूसरे चरण की नियुक्ति पत्र की बात करें तो इसके साथ ही 36 छात्रों पर 1 शिक्षक हो चुका है. जो अनुपात पहले 88 छात्रों पर 1 शिक्षक का था. वहीं, अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च करने की योजना बनाई गई है और इनका उद्देश्य यह है कि सरकारी स्कूलों में एक भी बच्चा फर्श पर ना बैठे.