logo-image

Russia की अमेरिका पर 'सर्जिकल स्ट्राइक', यूक्रेन युद्ध पर नाटो गठजोड़ का किया पर्दाफाश... जानें कैसे

दस्तावेजों में यूक्रेन के सैन्य नियंत्रण के तहत गोला-बारूद के लिए खर्च की दरों का विवरण भी दिया गया है. इसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम, यूएस-निर्मित आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम शामिल हैं, जो रूसी सेना के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित हुई हैं.

Updated on: 08 Apr 2023, 11:05 AM

highlights

  • अमेरिकी सैन्य दस्तावेजों के लीक होने के पीछे रूस या रूस समर्थक तत्वों का हाथ
  • दस्तावेजों में जानकारी कम से कम पांच सप्ताह पुरानी, सबसे हालिया तारीख 1 मार्च
  • अमेरिका और यूक्रेन ने इन लीक दस्तावेजों को रूसी दुष्प्रचार अभियान करार दिया

नई दिल्ली:

रूस (Russia) पर घातक हमले के लिए यूक्रेन (Ukraine) को तैयार करने में मदद करती अमेरिका और नाटो (Nato) की योजनाओं का विवरण प्रदान करने वाले गुप्त दस्तावेज सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म पर लीक कर दिए गए हैं. इसके बाद पेंटागन (Pentagon) ने कथित सुरक्षा उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गुप्त दस्तावेज ट्विटर और टेलीग्राम सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक किए गए. इनमें से कम से कम एक पर टॉप सीक्रेट का लेबल लगा था. इन लीक दस्तावेजों में यूक्रेन को (Russia Ukraine War) कथित तौर पर हथियारों की डिलीवरी, बटालियन की ताकत और अन्य संवेदनशील जानकारी के बारे में विवरण शामिल थे, जिन्हें चार्ट के जरिये भी निरूपित किया गया था. तीन अमेरिकी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कई वर्गीकृत अमेरिकी सैन्य दस्तावेजों के लीक होने के पीछे रूस या रूस समर्थक तत्वों का हाथ होने की संभावना है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दस्तावेजों को रूसी बलों द्वारा हताहतों की संख्या को कम करने के लिए बदल दिया गया है, उनका आकलन अनौपचारिक था और लीक की जांच से अलग था.

लीक दस्तावेजों में बदली गईं जानकारियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेजों में जानकारी कम से कम पांच सप्ताह पुरानी है, जिसमें सबसे हालिया तारीख 1 मार्च की है. न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख में सैन्य विश्लेषकों का हवाला देते हुए कहा गया है कि कुछ गुप्त दस्तावेज रूस ने एक दुष्प्रचार अभियान में बदल दिए हैं. एक दस्तावेज़ में यूक्रेनी सैनिकों की मौत को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है और रूस के नुकसान को कम किया गया है.

यह भी पढ़ेंः Adani मुद्दे पर विपक्षी एकता की शरद पवार ने निकाली हवा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट खारिज की

लीक दस्तावेजों के अन्य विवरण

  • दस्तावेजों में से एक में 12 यूक्रेन लड़ाकू ब्रिगेडों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को दर्शाया गया है. कहा गया है कि उनमें से नौ को अमेरिका और नाटो बलों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा था. इसके साथ ही यूक्रेन की सैन्य ब्रिगेड को 250 टैंकों और 350 से अधिक मशीनीकृत वाहनों को भी देने की बात है. इसमें कहा गया है कि सैन्य साज-ओ-सामान की आपूर्ति समय सीमा के अंदर करने से यूक्रेनी सैन्य बलों के प्रशिक्षण और रूस के खिलाफ तैयारी को प्रभावित करेगी.
  • दस्तावेजों में विस्तार से बताया गया है कि 9 ब्रिगेड में से छह 31 मार्च तक और बाकी 30 अप्रैल तक तैयार हो जाएंगी. एक यूक्रेनी ब्रिगेड में लगभग 4,000 से 5,000 सैनिक होते हैं.
  • दस्तावेजों में यूक्रेन के सैन्य नियंत्रण के तहत गोला-बारूद के लिए खर्च की दरों का विवरण भी दिया गया है. इसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम, यूएस-निर्मित आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम शामिल हैं, जो रूसी सेना के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित हुई हैं. हालांकि पेंटागन ने सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताया है कि यूक्रेनी सैनिक कितनी तेजी से हिमार्स युद्ध सामग्री का उपयोग कर रहे हैं.
  • अन्य दस्तावेजों में हथियारों की डिलीवरी, बटालियन की ताकत और अन्य संवेदनशील जानकारी के बारे में चार्ट और विवरण शामिल थे.
  • लीक दस्तावेज रूस के खिलाफ यूक्रेन की विशिष्ट युद्ध योजनाओं से जुड़ी जानकारियां प्रदान नहीं करते हैं. मसलन कैसे, कब और कहां यूक्रेन अपना आक्रमण शुरू करने का इरादा रखता है.
  • चूंकि लीक हुए दस्तावेज 5 सप्ताह पुराने हैं, तो वे जुड़े कालखंड का एक परिदृश्य ही सामने लाते हैं. इनमें 1 मार्च तक अमेरिकी और यूक्रेनी युद्ध का विवरण, रूस के खिलाफ सैन्य अभियान के लिए यूक्रेनी सैनिकों की आवश्यकता से जुड़ी जानकारियां समाहित हैं.
  • विश्लेषकों ने चेतावनी दी कि क्रेमलिन के दुष्प्रचार को पेश करने के लिए रूसी स्रोतों द्वारा जारी किए गए कुछ दस्तावेजों में बदलाव किया गया हो सकता है.
  • लीक स्लाइड्स में से एक में कहा गया है कि 16,000 से 17,500 रूसी सैनिक मारे गए, जबकि यूक्रेन को 71,500 सैनिकों की मौत हुई. पेंटागन और अन्य विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि रूस को कहीं अधिक हताहतों का सामना करना पड़ा है,. उनके मुताबिक रूस के करीब 200,000 सैनिक मारे गए और घायल हुए, जबकि यूक्रेन के 100,000 से अधिक सैनिक मारे गए और घायल हुए हैं.
  • टॉप सीक्रेट लेबल वाला एक दस्तावेज 1 मार्च तक रूस-यूक्रेन संघर्ष की स्थिति को सामने लाता है.
  • एक अन्य दस्तावेज में चार्ट शामिल हैं जो जनवरी से अप्रैल तक यूक्रेनी सैन्य इकाइयों, सैन्य साज-ओ-सामान और प्रशिक्षण को सूचीबद्ध करते हैं.

यह भी पढ़ेंः PM Modi आज करेंगे नए चेन्नई हवाई अड्डे के टर्मिनल का उद्घाटन, जानें 5 प्रमुख बातें

यूक्रेन ने कहा लीक दस्तावेज मॉस्को का दुष्प्रचार अभियान
गौरतलब है कि यूक्रेनी सैन्य बलों ने 2022 की शुरुआत में कीव पर रूस के हमले को काफी हद तक रोकने में सफलता हासिल की है. यूक्रेन के खिलाफ मॉस्को इसे एक विशेष सैन्य अभियान करार देता है. यह अब पूर्व और दक्षिणी देशों में पनपी एक खाई में बदल चुका है. फिर भी लीक दस्तावेज महज अंदाजा लगाते हैं कि कीव और मास्को युद्ध के दूसरे वर्ष में क्या कदम उठाते हैं. लीक हुए दस्तावेजों से कीव की युद्ध योजनाओं के बारे में भी कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के एक अधिकारी ने कहा कि लीक दस्तावेजों में बहुत बड़ी मात्रा में काल्पनिक जानकारी थी और यूक्रेन की योजनाबद्ध जवाबी हमले के बारे में संदेह पैदा करने के लिए एक रूसी दुष्प्रचार अभियान की तरह लग रहा था. माखाइलो पोडोलीक ने एक लिखित बयान में कहा, 'ये लीक दस्तावेज रूसी खुफिया संस्था के दुष्प्रचार के मानक तत्व हैं और इसके अलावा कुछ भी नहीं.'