'सुष्मिता सेन से शादी' फिर सुर्खियों में ललित मोदी, विवादों का सिलसिला
ललित मोदी अपनी लोकप्रियता के साइड इफेक्ट से जूझे और अपने कारनामों की वजह से कई मुसीबतों से भी घिरे. आइए, ललित मोदी की तरक्की और विवादों (some old controversies) के बारे में जानते हैं.
highlights
- ललित मोदी की सुष्मिता सेन से शादी की अफवाह ने सुर्खियां बटोरी
- ललित मोदी साल 2002 में नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने
- ललित मोदी 2005 में RCA के अध्यक्ष बने और फिर BCCI में एंट्री की
नई दिल्ली:
साल 2010 में मनी लॉन्ड्रिंग विवाद के बाद देश से फरार हो गए ललित मोदी (Lalit Modi ) गरुवार को एक बार फिर सुर्खियों में आ गए. इस बार उन्होंने पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के साथ शादी की अफवाह ( rumors of marriage with Sushmita Sen) उड़ाकर सुर्खियां बटोरीं. थोड़ी देर बाद इस पर सफाई देकर दोनों की नजदीकियां दिखा रही दोनों फोटो को डेट करना बताया. उन्होंने जल्द शादी की बात करके दोबारा हेडलाइंस हासिल की. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के अध्यक्ष रहे ललित मोदी इस तरह की चर्चाओं खासकर विवादों को लेकर लंबे समय से सुर्खियों में रहते आए हैं.
क्रिकेट, बॉलीवुड, राजस्थान सरकार और नौकरशाही में उनकी पैठ ने ललित मोदी को कम समय में काफी ताकतवर और चर्चित हस्ती के तौर पर स्थापित कर दिया था. हालांकि, लोकप्रियता के साइड इफेक्ट से भी वह जूझे और अपने कारनामों की वजह से कई मुसीबतों से भी घिरे. आइए, अफवाहों से एक बार फिर सुर्खियों में शुमार ललित मोदी की तरक्की और विवादों (some old controversies) के बारे में जानते हैं.
नागौर से क्रिकेट की सियासत में दखल
राजस्थान के नागौर जिले से क्रिकेट की दुनिया में कदम जमाने वाले ललित मोदी को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) का अध्यक्ष बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने नियम तक बदल दिए थे. क्योंकि ललित मोदी ने क्रिकेट के साथ-साथ राजस्थान सरकार और नौकरशाही पर भी जबरदस्त पकड़ बना ली थी. ललित मोदी ने साल 2002 में राजस्थान की नागौर जिला क्रिकेट संघ से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. जीत के बावजूद ललित मोदी RCA के अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं लड़ पाए.
नियमों में बदलाव के बाद RCA में एंट्री
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर उस समय किशोर रूंगटा के गुट का कब्जा था. उस समय RCA के आजीवन सदस्य भी वोट दे सकते थे. इनमें से अधिकतर सदस्य रूंगटा गुट के ही बनाए गए थे. ये हर बार किशोर रूंगटा को ही समर्थन देते थे. ऐसे में ललित मोदी की RCA में एंट्री पर ब्रेक लग गया था. राजस्थान में साल 2003 में बीजेपी की वसुंधरा सरकार बनने के बाद देश में पहली बार नया स्पोर्ट्स एक्ट बनाया गया. इसके जरिए आजीवन सदस्यों के वोटिंग के अधिकार को ही खत्म कर दिया गया.
RCA के जरिए BCCI में बढ़ाया कद
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के इतिहास में पहली बार सिर्फ जिला संघ के पदाधिकारियों को वोटिंग के अधिकार दिए गए. इसके बाद ललित मोदी का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने सालों से कब्जा जमाए रूंगटा ग्रुप को उखाड़कर साल 2005 में RCA के अध्यक्ष पद पर पहली बार कब्जा किया. उस दौरान कहा गया कि ललित मोदी ने RCA का अध्यक्ष बनने के लिए अपने सियासी कनेक्शंस का इस्तेमाल किया है. RCA अध्यक्ष रहते हुए ललित मोदी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( BCCI) के उपाध्यक्ष भी बन गए.
IPL की शुरुआत और मनी लॉन्ड्रिंग विवाद
ललित मोदी ने साल 2008 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पहले सीजन की शुरुआत की. इसमें उन्हें बतौर चेयरमैन और कमिश्नर आईपीएल के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई. उन्होंने इसे क्रिकेट, बॉलीवुड और राजनीति का कॉकटेल बनाकर काफी ग्लैमरस स्पोर्ट्स इवेंट बना दिया था. दो साल बाद यानी 2010 में मनी लॉन्ड्रिंग विवाद के बाद ललित मोदी देश छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद BCCI ने भी मोदी को पद से हटा दिया.
RCA में दोबारा घुसने की नाकाम कोशिश
ललित मोदी ने क्रिकेट में अपनी साख गंवाने के बावजूद साल 2010 में ही एक बार फिर RCA के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा. तत्कालीन आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित ने इस बार उन्हें करारी शिकस्त दी. ललित मोदी ने संजय दीक्षित को ज्यादा समय पद पर काबिज नहीं रहने दिया. ललित मोदी उसी साल संजय दीक्षित के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए. इसके बाद सीपी जोशी RCA के अध्यक्ष बने.
ललित मोदी के चलते RCA पर 5 साल का बैन
बीसीसीआई से बैन के बावजूद ललित मोदी ने साल 2013 में एक बार फिर RCA के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा. इस बार अधिकतर जिला संघों ने ललित मोदी के समर्थन में वोट किया और वह जीत गए. RCA के चुनाव को असंवैधानिक मानते हुए बीसीसीआई ने ललित मोदी के चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी. इसके साथ ही RCA की मान्यता को भी सस्पेंड कर दिया. ललित मोदी की वजह से साल 2013 से 2018 तक 5 साल RCA बैन रही.
आमेर महल की हवेलियों की नीलामी पर विवाद
ललित मोदी ने RCA का अध्यक्ष बनने के साथ ही राजस्थान की सत्ता में पकड़ और मजबूत कर ली थी. नौकरशाही में तबादलों से लेकर कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों से सिफारिश करने में भी ललित मोदी आगे रहते थे. ललित मोदी के हाथों आमेर महल से जुड़ी कुछ हवेलियां कौड़ियों के दाम पर बेचने का आरोप लगा. विपक्ष के हंगामे के बाद राजस्थान सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और महज 10-10 लाख में बेची गई बेशकीमती हवेलियों की नीलामी पर रोक लगानी पड़ी.
ललित मोदी के परिवार और कारोबार के बारे में
दिग्गज कारोबारी परिवार से आने वाले ललित मोदी के दादा दादा गुजरमल मोदी ने उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास औद्योगिक शहर मोदीनगर को बसाया था. गुजरमल मोदी की आठ संतानों में एक केके मोदी के बेटे ललित मोदी अब उनकी बनाई कंपनी केके मोदी के प्रेसिडेंट हैं. ललित मोदी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल, वेबसाइट ललित मोदी डॉट कॉम और फेसबुक पेज पर भी अपनी पहचान मोदी इंटरप्राइजेज के प्रेसिडेंट के तौर पर बताई है. मोदी इंटरप्राइजेज कई तरह के प्रॉडक्ट बनाने के साथ ही कंज्यूमर प्रॉडक्ट, नेटवर्क मार्केटिंग, एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, टी और अन्य पेय पदार्थ, हेल्थ, फैशन, फूड और अस्पताल के क्षेत्र में काम करती है.
ये भी पढ़ें - 9 बॉयफ्रेंड्स के बाद 10 साल बड़े Lalit Modi पर आया Sushmita Sen का दिल
देश छोड़कर भागने के बाद लंदन में ठिकाना
मोदी ग्रुप का कारोबार भारत के अलावा मिडिल ईस्ट अफ्रीका, वेस्ट अफ्रीका, साउथ ईस्ट अफ्रीका जैसे कई देशों में फैला हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक, ललित मोदी की कुल संपत्ति करीब 57 करोड़ डॉलर यानी 4,555 करोड़ रुपये मूल्य की है. लंदन के प्रतिष्ठित 117, स्लोएन स्ट्रीट पर 7000 स्क्वायर फीट में फैला उनका पांच मंजिला मेंशन है. साल 2010 में देश छोड़ने के बाद 56 वर्षीय ललित मोदी यहीं रहते हैं. ललित मोदी को भारत लाने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही थी, लेकिन उन्हें भारत नहीं लाया जा सका है.
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