Talangana में कारपेट बॉम्बिंग करेगी बीजेपी, जानें क्या होता है ये पॉलिटिकल टर्म
Carpet Bombing in Political World : बीजेपी ने तेलंगाना फतह करने करने के लिए खास प्लान बनाया है. कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही वो राज्य है, जिसमें बीजेपी को त्वरित सफलता मिलने की उम्मीद है. पार्टी की कोशिश है कि वो जल्द से जल्द दक्षिण के...
highlights
- तेलंगाना में पूरी ताकत झोंकने के मूड में बीजेपी
- फरवरी महीने में कारपेट बॉम्बिंग मोड होगा ऑन
- एक महीने के अंदर 11 हजार से ज्यादा रैलियां !
नई दिल्ली:
Carpet Bombing in Political World : बीजेपी ने तेलंगाना फतह करने करने के लिए खास प्लान बनाया है. कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही वो राज्य है, जिसमें बीजेपी को त्वरित सफलता मिलने की उम्मीद है. पार्टी की कोशिश है कि वो जल्द से जल्द दक्षिण के दूसरे राज्य में अपना विजयी अभियान चलाए. यूं तो तेलंगाना में जो पार्टी बहुमत में है, उसके पास मौजूदा समय में प्रचंड बहुमत है. कुल 119 विधायकों वाली विधानसभा में तेलंगाना राष्ट्र समिति (जो अब भारत राष्ट्र समिति में बदल चुकी है) के पास 104 विधायक हैं, तो 7 विधायक उसके सहयोगी दल एआईएमआईएम के पास हैं. इस तरह से 119 विधायकों में से 111 विधायक सीधे सीधे सत्ता पक्ष के हैं, तो एक विधायक निर्दलीय है. इसके अलावा 5 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं तो महज 2 विधायक बीजेपी के पास हैं. पर बीजेपी इस आंकड़े को बदलना चाहती है. वो तेलंगाना में घुसकर उस के चंद्रशेखर राव ( K. Chandrashekar Rao ) को मात देना चाहती है, जो तेलंगाना से बाहर बीजेपी को घेरने के लिए अपनी पार्टी को तेलंगाना की जगह भारत नाम दे चुके हैं. और वो ऐसा करेगी कैसे? तो इसका जवाब है कारपेट बॉम्बिंग.
केसीआर को उनके घर में घेर पाएगी बीजेपी?
कारपेट बॉम्बिंग टर्म का इस्तेमाल राजनीतिक तौर पर उस परिस्थिति में किया जाता है, जब कोई एक पॉलिटिकल पार्टी कुछ इस कदर सक्रिय हो जाती है कि बाकी राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों का नामो-निशान तक नहीं दिखता. कुछ इसी प्लानिंग के साथ तेलंगाना में उतरने चल रही है बीजेपी. दरअसल, तेलंगाना राज्य का गठन और पहला चुनाव साल 2014 में हुआ था. इसके बाद साल 2018 में दूसरा चुनाव हुआ. और दोनों ही बार के चंद्रशेखर राव की पार्टी ने बाजी मारी. के चंद्रशेखर राव केसीआर के नाम से मशहूर हैं. तेलंगाना राज्य बनने के बाद से वही सत्ता में हैं. अब वो बाहर निकलने को छटपटा रहे हैं. इसलिए अपनी पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदल कर भारत राष्ट्र समिति कर लिया है. लेकिन बीजेपी अब उन्हें राज्य में ही समेटना चाहती है. इसके लिए वो कारपेट बॉम्बिंग की प्लानिंग में है.
तेलंगाना के हर हिस्से में पहुंचा भाजपाई झंडा
दरअसल, इसी साल के आखिर में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं. तो अगले साल लोकसभा चुनाव. केसीआर की प्लानिंग है कि पहले वो तेलंगाना में अपनी पार्टी को पहले की तरह ही प्रचंड बहुमत दिलाएं, फिर राष्ट्रीय राजनीति में उतर कर नरेंद्र मोदी को चुनौती दें. लेकिन बीजेपी ने फरवरी महीने में ही बीआरएस की प्लानिंग की हवा निकालने की तैयारी कर ली है. जानकारी के मुताबिक, इस कारपेट बॉम्बिंग प्लानिंग के तहत महज एक ही महीने में भारतीय जनता पार्टी पूरे राज्य में 11 हजार से ज्यादा रैलियां करने वाली है. अब इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि तेलंगाना के किस हिस्से में बीजेपी नहीं पहुंच रही? शायद हर पंचायत में बीजेपी एक से अधिक रैलियां करने की योजना बना चुकी है.
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पहले भी ऐसा कर चुकी है बीजेपी
बीजेपी की कारपेट बॉम्बिंग वाली रणनीति पहली बार नहीं है. इसमें वो काफी हद तक सफल भी रही है. खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में. लेकिन ये तेलंगाना की धरती है. तेलंगाना ने कुछ साल पहले ही अलग राज्य होने का गौरव पाया है, जिसमें केसीआर का योगदान सर्वाधिक माना जाता है. जनता केसीआर को पसंद भी करती है. लेकिन बीजेपी को कर्नाटक के बाद दक्षिण के जिस दूसरे राज्य में अपने लिए उपजाऊ जमीन दिखाई पड़ती है, वो है तेलंगाना. चूंकि पिछले चुनाव में बीजेपी दो सीटों पर जीत का स्वाद चख भी चुकी है. ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अपनी रणनीति में कितनी सफल हो पाती है.
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