Raksha Bandhan: जानें इन देवताओं को राखी बांधने से होती है सभी मुरादें पूरी
खी का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहनें- अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं तथा भाई अपने बहनों को रक्षा का बचन देते हैं.
highlights
- राखी का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है
- इस बार रक्षा बंधन का त्योहार 22 अगस्त को पड़ रहा है
- मान्यता है कि देवताओं को राखी बांधने से भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं
नई दिल्ली:
रक्षा बंधन का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही उल्लास से मनाया जाता है. राखी का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहनें- अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं तथा भाई अपने बहनों को रक्षा का बचन देते हैं. यह त्योहार हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार रक्षा बंधन का त्योहार 22 अगस्त को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में देवताओं को भी राखी बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि देवताओं को राखी बांधने से भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. आइये जानें किन –किन देवताओं को कौन- कौन सी राखी बांधने से मनोकामनाएं पूरी होती है. राखी का त्योहार भाइयों और बहनों के बीच प्यार के बंधन को मजबूत करती है और भावनात्मक बंधन को पुनर्जीवित करती है.
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भगवान शिव: रक्षा बंधन का त्योहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है. चूंकि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और पूर्णिमा इस माह का अंतिम दिन है. इसलिए इस दिन भगवान शिव को राखी बांधने से वे बहुत प्रसन्न होते है और उनकी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं.
भगवान श्री कृष्ण: भगवान श्री कृष्ण को द्रोपदी ने राखी बांधी थी. इसके बदले उन्होंने द्रोपदी की लाज बचाई थी. भगवान श्री कृष्ण को राखी बांधने से वे सभी परिस्थितियों में रक्षा करते हैं.
श्री गणेश भगवान: रक्षा बंधन के दिन भगवान गणेश को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए.क्योंकि श्री गणेश जी को लाल रंग पसंद है. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं तथा ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है.
श्री हनुमान जी: हनुमान जी को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए. इससे मंगल ग्रह शांत होतेहैं तथा बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है.
रक्षा बंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण (अगस्त) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को राखी पूर्णिमा भी कहा जाता है. भारत में विभिन्न समुदायों द्वारा इस दिन कई अन्य त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे कि दक्षिण में लोग राखी पूर्णिमा को अवनि अवट्टम के रूप में मनाते हैं, और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में इस दिन को कजरी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है.
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