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Somvati Amavasya 2023 Date: सावन में आने वाली सोमवती अमावस्या क्यों है खास, जानें शुभ मुहूर्त, शुभ योग और उपाय

Sawan Somvati Amavasya 2023 Date: कब है सावन की सोमवती अमावस्या, जाने शुभ मुहूर्त, शुभ योग और ऐसे उपाय तो आपकी हर परेशानी को करेंगे दूर.

Updated on: 16 Jul 2023, 11:01 AM

नई दिल्ली:

Somvati Amavasya 2023 Date: साल 2023 में सावन के महीने आने वाली सोमवती अमावस्या कई वजह से खास है. इस दिन 3 शुभ संयोग ही बन रहे हैं. ये अमावस्या सावन के दूसरे सोमवार के दिन है. इस दिन किए गए उपाय, पूजा पाठ के परिणाम जल्द देखे जा सकते हैं. कुछ विशेष उपाय अमावस्या के समय करने से उनके परिणाम काफी चमत्कारी होते हैं. अगर आपकी शादी नहीं हो रही, नौकरी नहीं मिल रही या तरक्की नहीं है या जीवन में तनाव बना रहता है तो ये सारी समस्याएं दूर करने का शुभ समय आ गया है. आप अपने ईश्वर को मनाएं अपना हाल सुनाएं और अपने सारे बिगड़े काम बनाएं. कैसे आइए आपको बताते हैं. 

सावन में सोमवती अमावस्या कब है

पंचाग के अनुसार सोमवती अमावस्या की तिथि 16 जुलाई की रात 10 बजकर 08 मिनट से शुरु हो जाएगी. लेकिन उदयातिथि के आधार पर सोमवती अमावस्या 17 तारीख यानि सोमवार को है. 18 जुलाई की रात 12 बजकर 1 मिनट पर ये तिथि समाप्त होगी. 

सोमवती अमावस्या के शुभ योग 

सावन की  सोमवती अमावस्या के दिन ऐसे की शुभ योग बन रहे हैं जिसमें रुद्राभिषेक करने से कई पुण्य फलों की प्राप्ति होगी. सर्वार्थ सिद्धि योग के 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन सोमवार का व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

सोमवती अमावस्या के दिन करें ये उपाय

नौकरी से जुड़ी समस्या के लिए -  कच्चा दूध शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे आपको नौकरी मिलने, नौकरी मे तरक्की या बिज़नेस से जुड़ी चीज़ों में आ रही परेशानियों में राहत मिलेगी

घर के क्लेश और बीमारियां करें दूर- 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या के दिन आप पीपल के पेड़ की पूजा करें. सुबह उठकर पीपल के पेड़ को गंगाजल चढ़ाएं कच्चा सूत 108 बार पीपल की परिक्रमा करते हुए लपेटें ऐसे करने से आपके घर से दरिद्रता का नाश होगा. क्लेश खत्म होंगे और अगर कोई बीमार रहता है तो उसकी तबीयत में भी सुधार होगा. 

शादी से जुड़ी समस्या - अगर आपकी शादी नहीं हो रही या शादी में दिक्कतें आ रही हैं तो आप सोमवती अमावस्या के दिन सुबह के समय गाय को 5 ताज़े फल खिलाएं. गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है. इसके बाद आप 108 बार तुलसी की परिक्रमा करते हुए इस मंत्र का जाप करें-

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ये सारी जानकारी ज्योतिषशास्त्र के आधार पर है न्यूज़ नेशन इसकी पुष्टि नहीं करता.