Sanatan Dharma: छोटी या बड़ी, किस उम्र की लड़की से करें शादी, जानें सनातन धर्म के नियम
Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार पत्नी की उम्र पति से छोटी होनी चाहिए, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. प्राचीन समय में इसके पीछे विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक कारण होते थे. इस व्यवस्था का लक्ष्य था पति को अधिक अधिकार और प्राधिकरण प्रदान हो.
नई दिल्ली:
Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार पत्नी की उम्र पति से छोटी होनी चाहिए, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. प्राचीन समय में इसके पीछे विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक कारण होते थे. इस व्यवस्था का लक्ष्य था पति को अधिक अधिकार और प्राधिकरण प्रदान करना, जो परिवार की सुदृढ़ता और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना गया था. इसके अलावा, पति को पत्नी की संरक्षा और समर्थन प्रदान करने का दायित्व भी था. हालांकि, समय के साथ सामाजिक परिवर्तनों के साथ-साथ संविधान के अधिकारों के बढ़ते समर्थन के कारण, इस प्रथा में कमी आई है. आजकल कई लोग इस परंपरा का पालन नहीं करते और पति-पत्नी की उम्र में कोई विभेद नहीं करते. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, एक संतुलित और समर्थ रिश्ता उस पर निर्भर करता है कि दोनों पति और पत्नी एक-दूसरे का सम्मान करें और साथ में खुशहाली की दिशा में काम करें.
सनातन धर्म में पत्नी की उम्र पति से छोटी होने की धारणा के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
जैविक कारण:
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होती है: महिलाओं की प्रजनन क्षमता 30-35 साल की उम्र के बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है. पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होने की दर महिलाओं की तुलना में धीमी होती है.
गर्भावस्था और प्रसव में महिलाओं को अधिक स्वास्थ्य जोखिम होता है: गर्भावस्था और प्रसव महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत कठिन होता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ ये जोखिम भी बढ़ते जाते हैं.
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की औसत आयु कम होती है: महिलाओं की औसत आयु पुरुषों की तुलना में लगभग 5 साल कम होती है. इसका मतलब है कि यदि पत्नी की उम्र पति से कम होगी, तो उनके जीवनकाल में समानता होने की संभावना अधिक होगी.
सामाजिक कारण:
पति को परिवार का मुखिया माना जाता है: सनातन धर्म में, पति को परिवार का मुखिया माना जाता है. यदि पत्नी की उम्र पति से कम होगी, तो पति के लिए परिवार का नेतृत्व करना और अपनी पत्नी का मार्गदर्शन करना आसान होगा.
पति-पत्नी के बीच परस्पर सम्मान: यदि पत्नी की उम्र पति से कम होगी, तो पति के लिए अपनी पत्नी का सम्मान करना और उसकी बातों को महत्व देना आसान होगा.
पति-पत्नी के बीच तालमेल: यदि पत्नी की उम्र पति से कम होगी, तो उनके जीवन अनुभव और परिपक्वता स्तर में समानता होने की संभावना अधिक होगी, जिससे उनके बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा.
धार्मिक कारण:
हिंदू धर्मग्रंथों में पति-पत्नी के बीच उम्र के अंतर का उल्लेख: कुछ हिंदू धर्मग्रंथों में पति-पत्नी के बीच उम्र के अंतर का उल्लेख मिलता है. उदाहरण के लिए, मनुस्मृति में कहा गया है कि पति की उम्र पत्नी से कम से कम 3 साल और अधिकतम 9 साल अधिक होनी चाहिए.
पति-पत्नी के बीच संबंधों को पवित्र माना जाता है: सनातन धर्म में, पति-पत्नी के बीच संबंधों को पवित्र माना जाता है. यदि पत्नी की उम्र पति से कम होगी, तो यह माना जाता है कि पति अपनी पत्नी की बेहतर देखभाल और सुरक्षा कर सकेगा.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी कारण सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इनमें से कुछ कारणों की पुष्टि नहीं होती है.
आजकल, समाज में बदलाव आ रहा है और लोग पति-पत्नी के बीच उम्र के अंतर को लेकर अधिक खुले विचारों वाले हो रहे हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो पत्नी की उम्र पति से अधिक होने में कोई बुराई नहीं मानते हैं. यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है कि पति-पत्नी के बीच कितना उम्र का अंतर होना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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