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Kundali Me Karj Yog: कुंडली में कर्ज योग क्यों बनता है? जानिए इसके कारण और समाधान.

Kundali Me Karj Yog: ज्योतिष शास्त्र में कर्ज योग विभिन्न ग्रहों और भावों के मेल से बनता है. ये योग व्यक्ति के जीवन में कर्ज, ऋण और वित्तीय कठिनाइयों का संकेत देते हैं.

Updated on: 10 Apr 2024, 12:40 PM

नई दिल्ली:

Kundali Me Karj Yog: कुंडली में कई ग्रहों और भावों का योगदान कर्ज योग बनाने में होता है. इनमें से कुछ प्रमुख योग और उनके प्रभाव होते हैं. षष्ठ और द्वादश भाव के स्वामी कमजोर है तो मजबूत करने के उपाय करें. ऋणेश ग्रह को मजबूत करने के उपाय करें. मां लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करें. दान-पुण्य करने के अलावा अपनी आय और व्यय का हिसाब रखें और अनावश्यक खर्चों से बचें. कर्ज लेने से पहले सोच समझें. कर्म ही भाग्य को बदल सकते हैं. अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं और अपनी आय बढ़ाने के प्रयास करते हैं, तो आप कर्ज योग से मुक्ति पा सकते हैं.

1. षष्ठ भाव: षष्ठ भाव कर्ज, ऋण, और रोग का भाव है. जब इस भाव में पाप ग्रह (मंगल, शनि, राहु, और केतु) मजबूत होते हैं, तो कर्ज योग बनता है. षष्ठ भाव का स्वामी कमजोर या नीच राशि में हो, तो भी कर्ज योग बन सकता है.

2. द्वादश भाव: द्वादश भाव व्यय, हानि, और विदेश यात्रा का भाव है. जब इस भाव में पाप ग्रह मजबूत होते हैं, तो कर्ज योग बनता है. द्वादश भाव का स्वामी कमजोर या नीच राशि में हो, तो भी कर्ज योग बन सकता है.

3. ऋणेश ग्रह: षष्ठ भाव का स्वामी ऋणेश ग्रह माना जाता है. जब ऋणेश ग्रह पाप ग्रहों से प्रभावित होता है, तो कर्ज योग बनता है. ऋणेश ग्रह कमजोर या नीच राशि में हो, तो भी कर्ज योग बन सकता है.

4. अन्य योग: जब चंद्रमा और राहु या केतु एक साथ होते हैं, तो कर्ज योग बन सकता है. जब मंगल और शनि एक साथ होते हैं, तो कर्ज योग बन सकता है. जब गुरु कमजोर होता है, तो कर्ज योग बन सकता है. 

लेकिन केवल इन योगों के आधार पर कर्ज योग का निर्धारण नहीं किया जा सकता है. ज्योतिषी कुंडली के सभी ग्रहों, भावों, और अन्य योगों का भी विश्लेषण करते हैं. आप अपनी कुंडली में कर्ज योग के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए.

कर्ज योग से बचने के उपाय

षष्ठ भाव के स्वामी ग्रह के लिए रत्न, मंत्र, और यंत्र धारण करें. द्वादश भाव के स्वामी ग्रह के लिए रत्न, मंत्र, और यंत्र धारण करें. षष्ठ और द्वादश भाव के स्वामी ग्रहों से संबंधित दान-पुण्य करें. षष्ठ और द्वादश भाव के स्वामी ग्रहों से संबंधित मंदिरों में दर्शन करें. 

ऋणेश ग्रह के लिए रत्न, मंत्र, और यंत्र धारण करें. ऋणेश ग्रह से संबंधित दान-पुण्य करें. ऋणेश ग्रह से संबंधित मंदिरों में दर्शन करें. 

मां लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा. मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं. मां लक्ष्मी की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिल सकती है. भगवान शिव कर्ज और ऋण से मुक्ति के देवता हैं. भगवान शिव की पूजा करने से भी कर्ज से मुक्ति मिल सकती है.

गरीबों और जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने से कर्ज से मुक्ति मिल सकती है. दान-पुण्य करते समय अपनी क्षमता का ध्यान रखें. 

अपनी आय और व्यय का हिसाब रखें. अपनी आय और व्यय का हिसाब रखने से आप अनावश्यक खर्चों से बच सकते हैं. बजट बनाकर खर्च करने से आप कर्ज से बच सकते हैं.

अनावश्यक खर्चों से बचें. अनावश्यक खर्चों से बचने से आप अपनी बचत बढ़ा सकते हैं. बचत बढ़ने से आप कर्ज चुकाने में सक्षम हो सकते हैं.

कर्ज लेने से पहले सोच समझें. कर्ज लेने से पहले अपनी क्षमता का ध्यान रखें. कर्ज चुकाने की योजना बनाकर ही कर्ज लें. 

कर्म ही भाग्य को बदल सकते हैं. कड़ी मेहनत और प्रयास से आप अपनी आय बढ़ा सकते हैं. आय बढ़ने से आप कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं. 

ज्योतिष उपाय केवल सहायक होते हैं. कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत और प्रयास भी करना होगा. ज्योतिषी से परामर्श लेकर आप अपनी कुंडली के अनुसार कर्ज से बचने के उपाय जान सकते हैं. कुछ ज्योतिषीय उपाय ऐसे भी होते हैं जो कर्ज योग के प्रभावों को कम कर सकते हैं. कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आपको सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प रखना होगा. आप कड़ी मेहनत और प्रयास करेंगे, तो आप निश्चित रूप से कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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