Vishalakshi Devi Mandir: काशी में बाबा विश्वनाथ ही नहीं माता का ये प्रसिद्ध शक्तिपीठ भी है, भक्त कभी नहीं लौटते खाली हाथ
Vishalakshi Devi Mandir: काशी में देवी का एक चमत्कारी शक्तिपीठ है। मान्यता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शक्ति उपासना के इस केंद्र को माता विशालाक्षी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है.
नई दिल्ली:
Vishalakshi Devi Mandir: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के नाम से मशहूर है. बनारस को देश की धार्मिक राजधानी भी माना जाता है. पर ये काशी की नगरी केवल बाबा विश्वनाथ के लिए ही नहीं बल्कि शक्तिपीठ के लिए भी जानी जाती है. यह नगर शक्ति उपासना का भी केन्द्र है. ऐसा माना जाता है कि जहां-जहां देवी के शरीर के अंग गिरे वे सभी स्थान शक्तिपीठ बन गए. कुल 51 शक्तिपीठ माने गए हैं. माता विशालाक्षी देवी मंदिर काशी (वाराणसी) में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, और देवी सती के दाहिने कान की मणि यहाँ गिरी थी.
पौराणिक कथा:
देवी सती भगवान शिव की पत्नी थीं. उनके पिता राजा दक्ष ने यज्ञ आयोजित किया, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया. देवी सती अपने पति का अपमान सहन नहीं कर सकीं और यज्ञ कुंड में कूदकर अपना जीवन त्याग दिया. भगवान शिव देवी सती के शव को लेकर विलाप करते हुए पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे. देवी सती के शरीर के विभिन्न अंग अलग-अलग स्थानों पर गिर गए, और वे स्थान शक्तिपीठ बन गए. माता विशालाक्षी देवी मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहाँ देवी सती का दाहिना कान गिरा था. तबसे ये पवित्र स्थान शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. माता विशालाक्षी देवी मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को देवी की कृपा प्राप्त होती है.
माता विशालाक्षी देवी को काशी की अधिष्ठात्री देवी भी माना जाता है. काशी की इस पौराणिक मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है. मंदिर में देवी विशालाक्षी की मूर्ति स्थापित है, जो शांत और सुंदर है. साथ ही साथ मंदिर में भगवान शिव, भगवान गणेश, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं. माता विशालाक्षी देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को सुबह जल्दी उठना होता है. मंदिर में दर्शन करने के लिए लंबी लाइनें लगती हैं. माता की आरती सुबह और शाम को होती है और इस भव्य आरती में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
मंदिर का महत्व:
माता विशालाक्षी देवी मंदिर काशी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर देवी शक्ति के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. काशी में माता विशालाक्षी के दर्शन से बीमारी, परेशानी आदि दूर होते हैं और संतान की प्राप्ति होती है. जो कन्याएं विवाह के लिए उपयुक्त नहीं हो रही हों या जिन्हें विवाह के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा आ रही हो, उनकी समस्याएं दूर हो सकती हैं जब वे माता विशालाक्षी के दर्शन 41 दिनों तक करें.
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो आपको माता विशालाक्षी देवी मंदिर के बारे में जाननी चाहिए:
स्थान: काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, भारत
प्रसिद्ध: 51 शक्तिपीठों में से एक
देवी: माता विशालाक्षी देवी
मंदिर का निर्माण: द्रविड़ शैली
मंदिर में दर्शन: सुबह जल्दी उठकर
मंदिर में आरती: सुबह और शाम
मंदिर का महत्व: देवी शक्ति के दर्शन से बीमारी, परेशानी आदि दूर होते हैं और संतान की प्राप्ति होती है.
यह भी पढ़ें: Tulsi Puja: गुरुवार के दिन पढ़े तुलसी के सामने ये आरती, जीवन में हमेशा रहेंगी खुशियां
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग