Indpendence day 2023: PM Modi ने अपने भाषण में किन शब्दों को सबसे ज्यादा बार बोला, जानें क्या हैं ये
पीएम मोदी ने अपने 90 मिनट के लंबे अपने संबोधन में सबसे अधिक बार परिवारजन, सामर्थ्य और महिलाएं जैसे शब्द का उपयोग किया.
highlights
- पीएम मोदी ने 140 करोड़ जनता को परिवारजन कहकर संबोधित किया
- पीएम मोदी ने 48 बार परिवारजन, 43 बार सामर्थ्य का उपयोग किया
- भारत अगले पांच साल में शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में एक होगा
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश के नाम 10 वीं बार संबोधित किया. 90 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 12 बार परिवारवाद के बाद 11 बार भ्रष्टाचार और आठ बार तुष्टिकरण का जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने जनता से तीन बुराइयों से मुक्ति की अपील की. पीएम मोदी इस बार खास पगड़ी में नजर आए. यह गहरे पीले रंग के साफे से तैयार हुई थी. इस पर मल्टी कलर की लकीरें दिखाई दीं. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 140 करोड़ जनता को परिवारजन कहकर संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने 90 मिनट के लंबे अपने संबोधन में सबसे अधिक बार परिवारजन, सामर्थ्य और महिलाएं जैसे शब्द का उपयोग किया.
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पीएम ने मणिपुर के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ खड़ा है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पीएम ने मध्यम वर्ग और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर खास जोर दिया. पीएम मोदी ने 48 बार परिवारजन, 43 बार सामर्थ्य का उपयोग किया है. वहीं, महिलाएं/नारी शब्द का उपयोग 35 बार किया. अपने सबोधन में पीएम मोदी ने 19 बार संकल्प शब्द का उपयोग किया. वहीं 16 बार आजादी शब्द का उपयोग किया. पीएम मोदी के भाषण में युवाओं का 12 बार जिक्र आया. वहीं 5 बार उन्होंने समाजिक न्याय की बात कही.
77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश लगातार बदल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत अगले पांच साल में शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में एक होगा. उन्होंने कहा कि अब जो निर्णय लिए जाएंगे, उसका असर आने वाले 1000 सालों तक होगा. पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं अब सुरक्षित हैं. सीरियल बम ब्लास्ट अब पुरानी बात हो चुकी है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है. उन्होंने कहा, भारत में अवसरों की किसी तरह की कमी नहीं है. हमें भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण जैसी तीन बुराइयों से लड़ना होगा.
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