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आम चुनाव से पहले क्या राम मंदिर और रजस्वला महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर चर्चा होनी चाहिए: अमर्त्य सेन

यह अद्भुत है कि मौजूदा समय में वो बड़े मुद्दे जो पूरे विश्व में छाए हैं भारत में कहीं दिखाई नहीं दे रही है जबकि आम चुनाव में कुछ ही समय शेष है. राम मंदिर बनेगा कि नहीं या रजस्वला महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकती है, क्या यह मुद्दा चर्चा के केंद्र में होना चाहिए?

Updated on: 07 Jan 2019, 06:23 PM

नई दिल्ली:

'यह अद्भुत है कि मौजूदा समय में वो बड़े मुद्दे जो पूरे विश्व में छाए हैं भारत में कहीं दिखाई नहीं दे रही है जबकि आम चुनाव में कुछ ही समय शेष है. राम मंदिर बनेगा कि नहीं या रजस्वला महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकती है, क्या यह मुद्दा चर्चा के केंद्र में होना चाहिए?' यह कहना है नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का. वहीं फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए अमर्त्य सेन ने रविवार को कहा कि उन्हें 'परेशान' करने के प्रयास किए जा रहे हैं.'

बता दें कि देश में भीड़ हिंसा पर प्रतिक्रिया देने और गैर सरकारी संगठनों पर सरकार द्वारा की जा रही कथित कार्रवाई के खिलाफ एमनेस्टी इंडिया के लिए एक वीडियो में आने की वजह से शाह विवादों में आ गए हैं. वीडियो में शाह ने शुक्रवार को कहा कि जो अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें कैद किया जा रहा है.

सेन ने कहा, 'हमें अभिनेता को परेशान करने के इस तरह के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. देश में जो कुछ हो रहा है, वह आपत्तिजनक है और इसे जरूर रोका जाना चाहिए.'