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रायन मामले में पिंटो परिवार ने हरियाणा पुलिस को दिया था चकमा

पुलिस की टीम को गलत पता बताकर एक महीने तक अग्रिम जमानत के लिए भागता रहा पिंटो परिवार।

Updated on: 06 Oct 2017, 07:39 AM

highlights

  • हरियाणा पुलिस को गिरफ्तारी से बचने के लिए पिंटो परिवार ने दिया था चकमा
  • दिए पते पर नहीं मिला था परिवार का कोई भी सदस्य
  • ग़लत पता देकर अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट के चकर काट रहा था परिवार

 

नई दिल्ली:

8 सितंबर को गुरुग्राम के रायन इंरनेशनल स्कूल में मासूम छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की गला रेत कर हत्या की जांच के दौरान जब सितंबर मध्य में हरियाणा पुलिस की टीम मुंबई पहुंची थी जब स्कूल ट्रस्टी पिंटो परिवार ने गलत पता बताकर पुलिस को चकमा दे दिया था।

पुलिस की टीम को जो पता बताया गया था, उस पर ट्रस्ट के सदस्य अगस्टाइन पिंटो, उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो और उनके बेटे रायन पिंटो में से कोई भी नहीं मिला था, न ही उनके पूर्व कांदिवली स्थित सेंट जेवियर्स एज्यूएशल ट्रस्ट के मुख्यालय पर और न ही परिवार के आवासीय पते पर।

तब से, ट्रस्टी एक के बाद एक अदालत, बॉम्बे हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, उच्चतम न्यायालय, और अब गुरुग्राम में सीबीआई के विशेष न्यायालय में में जाकर संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत मांग रहे हैं। 

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जांच से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'न्यायालयों में उनके दिए गए हलफनामों में सभी आवासीय पतों पर उनसे मिलने और प्रश्न करने के हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयास व्यर्थ साबित हुए। ट्रस्ट और स्कूल प्रशासनिक स्टाफ ने दावा किया था कि उन्हें पिंटो परिवार और ट्रिस्टयों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उनका पता लगाया जा सकता है।'

आधिकारिक सूत्रों और समाचार एजेंसी आईएएनएस की स्वतंत्र जांच से पता चला है कि पिंटो परिवार बांद्रा पश्चिम में अंबेडकर रोड के नजदीक एक प्रमुख आवासीय टॉवर के पॉश डुप्लेक्स अपार्टमेंट में रहता है, जो बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के घर के पास है।

इस इमारत में कई अन्य बॉलीवुड हस्तियों और रयान इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टियों से मिलने की मांग करने वाले सभी आगंतुकों को भी सुरक्षा में लगे गार्डो द्वारा ठहराया जाता है।

लॉ चार्टर्ड फर्म के प्रमुख वकील विनोद तिवारी ने कहा कि कानून के मुताबिक, किसी भी शपथपत्र में गलत पता या फिर झूठा साक्ष्य प्रदान करने वाले किसी भी शख्स को गड़बड़ी के मामले में गंभीर कार्रवाई भुगतनी पड़ सकती है, क्योंकि यह न्याय के रास्ते पर रोक लगाता है। 

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तिवारी ने आईएएनएस को बताया, 'यह शक्तिशाली व्यक्तियों और वकील द्वारा कानून का बड़ा मजाक बनाने जैसा है, अदालत के एक अधिकारी के रूप में, जिसने पुष्टि की है कि संबंधित व्यक्ति/पिंटो परिवार दिए गए पते पर रह रहे हैं, उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।' 

दिलचस्प बात यह है कि तिवारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह-संयोजक और कानूनी एवं विधान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष हैं और महाराष्ट्र के साथ-साथ नई दिल्ली में प्रेक्टिस कर चुके हैं।

सच तो यह है कि पिंटो परिवार द्वारा दिए गए बोरीवली के पूर्व पते पर लगभग दो दशकों से कोई भी नहीं रह रहा है। वे लोग विभिन्न अदालतों में हलफनामा दाखिल किए जाने और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय में पेश किए थे।

हरियाणा सरकार ने प्रद्युम्न की हत्या के मामले को राष्ट्रव्यापी हंगामे के बाद जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। सीबीआई की जांच जारी है, जबकि रयान के भोंडसी स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीन प्रशासन ने अपने हाथ में लिया है।

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