राहुल गांधी की सांसदी खत्म करने वाले कानून के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सांसदी छिनने के बाद देश में सियासी संग्राम का माहौल बना हुआ. एक तरफ जहां कांग्रेस समेत विपक्षी दल इसके लिए जहां रह-रह कर सत्तारूढ़ दल बीजेपी को कोस रहे हैं
New Delhi:
Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सांसदी छिनने के बाद देश में सियासी संग्राम का माहौल बना हुआ. एक तरफ जहां कांग्रेस समेत विपक्षी दल इसके लिए जहां रह-रह कर सत्तारूढ़ दल बीजेपी को कोस रहे हैं, वहीं जन प्रतिनिधित्व कानून के जिस प्रावधान से राहुल गांधी की संसद सदस्यता गई है, उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मैं भी उसमें याचिकाकर्ता हूं, हमने यही कहा है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ED, CBI, IT का उपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है। उस पर ध्यान दिया जाए. 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी.
14 राजनीतिक दलों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मैं भी उसमें याचिकाकर्ता हूं, हमने यही कहा है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ED, CBI, IT का उपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है। उस पर ध्यान दिया जाए। 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी: JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन pic.twitter.com/6JaFLp5h3S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2023
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन(ललन) सिंह ने पटना में कहा कि राहुल गांधी के संबंध में 24 घंटे के अंदर जिस प्रकार से फैसला लिया गया है वह दर्शाता है कि केंद्र सरकार हताशा में है. लोकतंत्र की प्रक्रिया होती है, कार्ट का फैसला चुनाव आयोग में जाता है. चुनाव आयोग के माध्यम से वे स्पीकर के पास जाता है. ये सारी प्रक्रिया 10 घंटे में करना दिखाता है कि इसमें केंद्र सरकार की भूमिका है. आपको बता दें कि गुजरात में सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को 2019 के एक केस में दो साल की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के आधार पर संसद ने जनप्रतिधि कानून के तहत राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी है. इसके साथ ही उन पर 6 साल तक कोई भी चुनाव न लड़ने का प्रतिबंध लग गया है. इस हिसाब से देखें तो राहुल गांधी अगले साल यानी 2024 में लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. आपको बता दें कि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे. अब उनकी सदस्यता जाने के बाद वायनाड लोकसभा सीट खाली हो गई है, जहां जल्द ही उपचुनाव कराए जा सकते हैं. हालांकि उप चुनाव में भी राहुल गांधी भाग नहीं ले पाएंगे.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबंधोति किया था. इस दौरान राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हुए नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि ये लोग देश का हजारों करोड़ रुपया लेकर विदेश भाग गए हैं. इस क्रम में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की भी जिक्र करते हुए कहा था कि सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं. राहुल के इस बयान को ओबीसी समाज का अपमान माना गया था और गुजरात में बीजेपी के एक विधायक पुर्णेश मोदी ने कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानी का मुकदमा दायर किया था. कोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को दोषा पाया है और उनको दो साल की सजा सुनाई है.
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