'भारत रत्न' मिलने पर प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों के प्रति जताया आभार, कहा- जितना किया उससे ज्यादा मिला
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 'मैं हमेशा कहता हूं और एक बार फिर से इस बात को दोहराता हूं कि मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में लोगों और देश के लिए जितना भी किया है उससे कहीं ज़्यादा हासिल किया है.'
नई दिल्ली:
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित होने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए देश के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया है. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 'मैं हमेशा कहता हूं और एक बार फिर से इस बात को दोहराता हूं कि मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में लोगों और देश के लिए जितना भी किया है उससे कहीं ज़्यादा हासिल किया है. मैं पूरी विन्रमता के साथ इस सम्मान को स्वीकार करता हूं. मैनें भारत के राष्ट्रपति से बात कर उनका धन्यवाद किया है.'
वहीं प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सम्मान दिए जाने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि 'मेरे पिता (प्रणब मुखर्जी) ने अपने सफर की शुरुआत बंगाल के एक दूर-दराज के गंव से की थी. उस समय वहां कोइ विकास कार्य नहीं हुआ था, न सड़कें थी और न ही बिजली. उन्हें स्कूल जाने के लिए हर रोज़ 10 किलोमीटर पैदल चलना होता था. वहां से भारत रत्न पाने तक की यात्रा काफी लंबी रही है.'
बता दें कि शुक्रवार शाम गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 'भारत रत्न' सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई थी. जिसके बाद 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस के मौक़े पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका, एवं आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं. वह यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) प्रथम और द्वितीय सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं.
संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे. 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मन्त्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया.
भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे. अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे. उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था.
और पढ़ें- नवीन पटनायक की बहन और लेखिका गीता मेहता ने पद्मश्री अवॉर्ड लेने से किया इंकार
उन्हें इससे पहले पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!