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PM मोदी ने किसानों को दिया तोहफा, सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण स्कीम का किया उद्घाटन

PM Modi: पीएम मोदी ने कहा कि सहकार से समृद्धि तक जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं.

Updated on: 24 Feb 2024, 11:28 AM

नई दिल्ली:

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार (24 फरवरी) को प्रगति मैदान स्थिति भारत मंडपम में सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण की पायलट परियोजना का उद्घाटन किया. इस योजना के तहत देशभर के 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सों) में संचालित हो रहा है. पीएम मोदी ने इस दौरान देशभर में 18 हजार पैक्स में कंप्यूटरीकरण का शुभारंभ भी किया. साथ ही 500 पैक्स में गोदामों का भी शिलान्यास किया. इस योजना से किसानों को कई तहत के लाभ मिलेंगे. जिसमें कर्ज, अन्न भंडारण, खरीद और पीडीएस शामिल हैं. पैक्स के ऑनलाइन  होने से उनके संचालन, कार्य कुशलता, पारदर्शिया और जवाबदेही में सुधार आएगा.

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खेती और किसानी की नींव होगी मजबूत- पीएम मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, आज भारत मंडपम विकसित भारत की अमृत यात्रा में एक और उपलब्धि का साक्षी बन रहा है. सहकार से समृद्धि तक जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं. खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. इस सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमने अपने किसानों की दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज स्कीम या भंडारण स्कीम शुरू की है. इसके तहत देश के कोने-कोने में हजारों गोदाम बनाए जाएंगे. आज 18 हजार पैक्स के कंप्यूटजाइजेशन का काम भी पूरा हुआ है. ये सभी काम देश में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को नया विस्तार देंगे, कृषि को आधुनिक टेक्नोलॉजी से जोड़ेंगे. 

ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था का होगा कायाकल्प

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सहकारिता भारत के लिए बहुत प्राचीन व्यवस्था है. पीएम मोदी ने कहा कि छोटी-छोटी वस्तुएं, थोड़े-थोड़े संसाधन भी सब साथ जोड़ दिए जाते हैं तो उनसे बड़े कार्य सिद्ध हो जाते हैं. प्राचीन ग्राम व्यवस्था में सरकार की यहीं स्वतः व्यवस्था काम करती रही है. पीएम मोदी ने कहा कि सहकारिता केवल एक व्यवस्था नहीं ये एक भावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये देश की अर्थव्यवस्था के खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है.

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