कश्मीरी पंडित महिला की मौत पर उमड़ा मुस्लिम पड़ोसियों का सैलाब, नम आंखों से दी अंतिम विदाई
आतंकवाद प्रभावित वादी से कभी-कभी ऐसी खबरें भी जाती है, जो देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम कर जाता है।
नई दिल्ली:
आतंकवाद प्रभावित वादी से कभी-कभी ऐसी खबरें भी जाती है, जो देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम कर जाता है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक कश्मीरी पंडित महिला नैन्सी कौल की मौत हो गई।
फिर क्या था धर्म-जाति के बंधन को दरकिनार कर करीब 3000 लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे और पूरे रीति-रिवाज से अंतिम विदाई दी। जिसमें ज्यादातर मुस्लिम थे। आपको बता दें कि कौल के पति का पिछले साल देहांत हो गया था। वह अपने पीछे 2 बेटी समेत 4 बच्चे छोड़ गये।
कौल के एक पड़ोसी ने बताया कि यह हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा, 'हम यहां भाईचारे के साथ रहते हैं। विभाजनकारी राजनीति पर हमें विश्वास नहीं है। हम एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हैं।'
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मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि यहां ग्रामीण किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक तनाव के बिना शांति और सामंजस्य से रहते हैं।
आपको बता दें कि कौल ने 90 के दशक में जब दहशतगर्दी चरम पर था और कश्मीर पंडित वादी छोड़कर जा रहे थे तो उन्होंने अनंतनाग में ही परिवार के साथ रहने का फैसला किया था।
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