logo-image

देश में मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा, सरकार खर्च करेगी 22 अरब डॉलर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार रक्षा उत्पादन लक्ष्य को मौजूदा 12 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 22 अरब डॉलर करने के लिए प्रतिबद्ध है. रक्षा मंत्री ने फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन और एजीएम को संबोधित करते हुए कहा, आप (उद्योग) कल्पना कर सकते हैं कि इस तरह के विकास से भारतीय उद्योग के लिए कितने अवसर उपलब्ध होंगे. उन्होंने रेखांकित किया कि घरेलू उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने घरेलू खरीद के लिए रक्षा पूंजी अधिग्रहण का एक निश्चित हिस्सा आरक्षित किया है.

Updated on: 17 Dec 2022, 04:15 PM

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार रक्षा उत्पादन लक्ष्य को मौजूदा 12 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 22 अरब डॉलर करने के लिए प्रतिबद्ध है. रक्षा मंत्री ने फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन और एजीएम को संबोधित करते हुए कहा, आप (उद्योग) कल्पना कर सकते हैं कि इस तरह के विकास से भारतीय उद्योग के लिए कितने अवसर उपलब्ध होंगे. उन्होंने रेखांकित किया कि घरेलू उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने घरेलू खरीद के लिए रक्षा पूंजी अधिग्रहण का एक निश्चित हिस्सा आरक्षित किया है.

उन्होंने कहा, कुल रक्षा पूंजी बजट परिव्यय में से 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग द्वारा स्वदेशी खरीद के लिए और 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र के लिए आरक्षित है. इनके परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं और जल्द ही और उपायों की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बाजार पहुंच उपलब्ध कराने पर भी काम कर रही है. सिंह ने कहा कि कुछ सालों में रक्षा निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है, जिसमें एफडीआई नियमों को सरल बनाना शामिल है, जिसे स्वचालित मार्ग से बढ़ाकर 74 प्रतिशत और सरकारी मार्ग से 100 प्रतिशत कर दिया गया है. रक्षा मंत्री ने घरेलू उद्योग और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं से आग्रह किया कि वे अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित कर नई तकनीकों और पूंजी को लाकर भारतीय रक्षा क्षेत्र में निवेश करें.

उन्होंने कहा कि भारत न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी रक्षा उत्पाद कर रहा है. उन्होंने दावा किया, दुनिया भारत में बने उत्पादों का इंतजार कर रही है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत नौ वर्षों में नाजुक 5 अर्थव्यवस्थाओं के समूह से निकलकर शानदार 5 विश्व अर्थव्यवस्थाओं के समूह में चला गया है और खुद का नाम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में दर्ज कराया है.

फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता ने डीपीपी 2016 के डीएपी 2020 के रूप में संशोधन के माध्यम से रक्षा अधिग्रहण की प्रक्रिया में सुधारों की शुरुआत करने और व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए सरकार को धन्यवाद दिया और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उद्योग के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया. . शुभ्रकांत पांडा, प्रेसिडेंट-इलेक्ट, फिक्की ने कहा कि मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के तहत सरकार का ध्यान रक्षा उपकरणों के आयातक की जगह निर्यातक बनने की है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.