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महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं, कांग्रेस के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा उचित निर्णय: शरद पवार

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है. जिसके बाद एनसीपी (NCP) और कांग्रेस ने बैठक की. बैठक के बाद एनसीपी और कांग्रेस ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

Updated on: 12 Nov 2019, 08:12 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है. जिसके बाद एनसीपी (NCP) और कांग्रेस ने बैठक की. बैठक के बाद एनसीपी और कांग्रेस ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को अधिकृत रूप से कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा था. फैसले से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा होगी. आम सहमति बनने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है. शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं.

एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा, 'सरकार कैसे बनाना है? सरकार की नीति क्या होगी? जब तक कांग्रेस-एनसीपी के बीच यह तय नहीं होगा, आगे बढ़ने का कोई मतलब नहीं.'

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वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की निंदा की. अहमद पटेल ने कहा, जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, उसकी मैं आलोचना करता हूं. यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश है.'

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया. लेकिन कांग्रेस को नहीं बुलाया. कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता ना देना राज्यपाल की गलती है. एनसीपी से बात किए बिना हम कोई निर्णय नहीं लेना चाहते थे.

कांग्रेस नेता पटेल ने आगे कहा कि कांग्रेस और एनसीपी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कोई मतभेद नहीं है लेकिन शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए उनके साथ बातें तय होना बाकी है. एनसीपी से बात करने के बाद ही हम शिवसेना से बात करेंगे. पहले एनसीपी और कांग्रेस में बात फाइनल होगी.

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बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्यपाल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. राज्यपाल की सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है.