सबरीमाला मंदिरः केरल सरकार बनाएगी 'महिला दीवार', कांग्रेस ने ऐसे दी प्रतिक्रिया
नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह अजीब बात है कि विजयन ऐसा कर रहे हैं, जिसके बारे में राज्य के किसी कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री ने नहीं सोचा होगा.
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन द्वारा कासरगोड से केरल की राजधानी तक एक जनवरी को प्रस्तावित 'महिला दीवार' नामक विरोध प्रदर्शन की कांग्रेस ने रविवार को निंदा की और कहा कि इससे केवल सांप्रदायिकता बढ़ेगी. नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह अजीब बात है कि विजयन ऐसा कर रहे हैं, जिसके बारे में राज्य के किसी कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री ने नहीं सोचा होगा.
उन्होंने कहा कि यह 'महिला दीवार' केवल समुदायों का ध्रुवीकरण और जाति के नाम पर लोगों को विभाजित करने में मददगार होगी. अधिक अजीब बात यह है कि यह निर्णय दर्जनों हिंदू सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक में लिया गया है, जहां मुख्य सचिव भी उपस्थित थे. विजयन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह राज्य प्रायोजित कार्यक्रम न बने.
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शनिवार की बैठक सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ केरल के हिंदू संगठनों द्वारा हाल में किए गए विरोध के बाद समर्थन हासिल करने का प्रयास था.
विजयन ने 150 से अधिक सामाजिक समूहों को आमंत्रित किया था, जिनमें से लगभग 70 ने भाग लिया था.
चेन्निथला ने कहा, 'विजयन को बैठक की जानकारी देनी चाहिए थी। रपटों में सामने आया है कि विजयन ने कहा कि सभी ने सबरीमाला मुद्दे पर उनके द्वारा उठाए गए कदम पर राज्य सरकार को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है, कुछ नेताओं ने बाद में भाग लिया. उन्होंने कहा कि वे इससे असहमत हैं.'
शीर्ष अदालत ने अपने सितंबर के फैसले पर 13 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीई(एम)) की अगुआई वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और कई हिंदू समूह इसके खिलाफ हैं.
चेन्निथला ने कहा, 'केवल महिलाओं को सबरीमाला में लाकर नई शुरुआत की बात नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि महिलाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि रोक है, जो परंपरा और सबरीमाला मंदिर से जुड़े अनुष्ठान का हिस्सा है.'
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उन्होंने कहा, 'बीजेपी और आरएसएस इस इलाके में स्थिति को भयावह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.'
वहीं, हिंदू नायर समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नायर सेवा समुदाय ने शनिवार की बैठक में हिस्सा नहीं लिया और कहा कि विजयन सरकार सबरीमाला मुद्दे से राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
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