Yasin Malik को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा, 10 लाख का जुर्माना
प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
highlights
- यासीन मलिक पर दस लाख का जुर्माना भी तय किया
- यासीन मलिक के घर के पास समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प
नई दिल्ली:
प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. मलिक की सजा पर फैसला पहले 3.30 बजे आना था, फिर इसे 4 बजे तक टाल दिया गया. इस दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई . श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक के घर के पास समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की बात सामने आई है. यहां पत्थरबाजी के बाद हालात को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक का घर है. मलिक के घर के आसपास सुरक्षाबल के जवान तैनात किए गए हैं. ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है.
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी ठहराया था. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था.
#WATCH | Terror funding case: Yasin Malik produced in the courtroom in NIA court, Delhi, ahead of the sentencing order. pic.twitter.com/ymfkN6PK4d
— ANI (@ANI) May 25, 2022
एनआईए के आरोपों का यासीन ने नहीं किया बचाव
यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप लगाया गया था. उसने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था. सुनवाई की आखिरी तारीख को उसने अदालत को बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), यूएपीए की धारा 20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) समेत अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं करेगा.
सजा पर कुछ नहीं बोलूंगा: यासीन मलिक
कोर्ट रूम में मौजूद वकील फरहान के अनुसार यासीन मलिक ने अदालत में कहा कि वह सजा पर कुछ नही बोलेगा. अदालत दिल खोलकर उसको सजा दे. मलिक ने कहा, मेरी तरफ से सजा के लिए कोई बात नहीं होगी. वहीं, NIA ने यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की. इसके बाद यासीन मलिक दस मिनट तक शांत रहा. यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि मुझे जब भी कहा गया मैंने समर्पण किया, बाकी कोर्ट को जो ठीक लगे वो उसके लिए तैयार है.
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