क्या रंगा बिल्ला होने पर ही गंभीर होगा अपराध, चिदंबरम के बयान पर ED का जवाब
तुषार मेहता ने कहा, अगर चिंदबरम को ज़मानत दी जाती है, तो वो निश्चित तौर पर गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश करेंगे.
नई दिल्ली:
INX मीडिया में ED की ओर से दायर मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम की ज़मानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. ED की ओर से पेश तुषार मेहता ने चिंदबरम की ज़मानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि चिंदबरम प्रभावशाली व्यक्ति है , एजेंसी के पास ये साबित करने के लिए सबूत है कि कस्टडी में रहने के दौरान भी उनका अहम गवाहों पर नियंत्रण रहा है. यहां तक कि गवाह उनका आमना सामना नहीं करना चाहते. एक गवाह ने इस बारे में एजेंसी को पत्र भी लिखा है लेकिन सुरक्षा कारणों से उनके नाम का खुलासा नहीं कर सकते.
तुषार मेहता ने कहा, अगर चिंदबरम को ज़मानत दी जाती है, तो वो निश्चित तौर पर गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश करेंगे.
यह भी पढ़ें: BJP ने UP में खेला बड़ा राजनीतिक दांव, 59 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए
तुषार मेहता ने कहा कि किसी अपराध की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जाना चाहिए कि उसका समाज पर क्या असर हुआ. हमे ये देखना होगा कि समाज व्यवस्था में अपना विश्वाश न खो दें. कपिल सिब्बल के रंगा बिल्ला वाली टिप्पणी पर तुषार मेहता ने कहा कि क्या हम अपराध को केवल तभी गंभीरता से लेंगे जब अपराधी रंगा बिल्ला हो. बता दें, बुधवार को सिब्बल ने कहा था कि बार बार ये दलील दी जा रही है कि चिंदबरम को ज़मानत मिलने पर ग़लत सन्देश जाएगा , मानो चिंदबरम कोई रंगा-बिल्ला जैसे अपराधी हो.
ईडी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराध पूर्वनियोजित होते हैं और इनमें पैसे के लेन देन को पकड़ना आसान नहीं होता है. आरोपी से जुड़ी संपत्तियां कई देशों में है. 16 शेल कंपनियों का मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया गया.
दो लोगों ने आरोपियों के एजेंट के तौर पर आईएनएक्स से बातचीत की थी और पैसा लिया था.
यह भी पढ़ें: गोडसे के बयान पर साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कार्रवाई, रक्षा मंत्रालय की समिति से हटाई गईं, सस्पेंड कर सकती है पार्टी
तुषार मेहता ने कहा, चिंदबरम सहआरोपी कार्ति चिंदबरम से समानता की दुहाई नहीं दे सकते है. ED की ओर से दायर केस में कार्ति को न तो अग्रिम ज़मानत मिली है, न ही नियमित ज़मानत. मनी लांड्रिंग एक्ट के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. तुषार मेहता ने आगे अपनी दलीलों को बढ़ाते हुए कहा कि कार्ति की गिरफ्तारी पर लगी ये अंतरिम रोक भी ठीक नहीं. कोर्ट ने बिना सारे तथ्यों पर गौर किये कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. जैसे ये रोक हटेगी, कार्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ऐसे में कार्ति को मिली इस अंतरिम राहत के आधार पर चिंदबरम के लिए ज़मानत की मांग नहीं कि जा सकती.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार