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जम्मू-कश्मीर: पहली बार पत्थरबाजी में शामिल 4500 युवाओं को माफी, सरकार ने केस वापसी का लिया फैसला

कश्मीर के लिए केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा की सलाह पर पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के खिलाफ 4500 से ज्यादा पत्थरबाजी के केस हटाए जाएंगे।

Updated on: 22 Nov 2017, 11:58 AM

नई दिल्ली:

कश्मीर के लिए केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा की सलाह पर पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के खिलाफ 4500 से ज्यादा पत्थरबाजी के केस हटाए जाएंगे।

शर्मा से कई लोगों और समूहों ने अनुरोध किया था कि पत्थरबाजी के मुकदमों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जुलाई में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में लगभग 11,500 पत्थरबाजों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

इस बारे में शर्मा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, 'मेरा प्रयास राज्य में शांति के लिए स्थिति को बदलना है और इसके लिए मुझे युवाओं और छात्रों के समर्थन की आवश्यकता है।'

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गौरतलब है कि 4,500 से ज्यादा मामले युवाओं के खिलाफ दर्ज थे, जो पहली बार पत्थरबाजी की घटना में शामिल थे। इस कदम की प्रतिक्रिया देखने के बाद केंद्र राज्य सरकार से सलाह कर पत्थरबाजों के खिलाफ बाकी बचे मुकदमों की समीक्षा करने का भी इच्छुक है।

केंद्र सरकार उन लोगों के पुनर्वास पर भी विचार कर सकती है, जो आतंकी संगठनों में शामिल हुए, पर किसी जघन्य अपराध में शामिल नहीं रहे।

शर्मा ने पाया कि घाटी में रहने वाले लोगों को, विशेषकर सर्दियों में बिजली की कमी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए इस साल कश्मीर को 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मुहैया कराई जाएगी।

केंद्र सरकार मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों का मुआवजा भी बढ़ाएगी। वर्तमान में यह मुआवजा 40 लाख रुपये है। वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा के घाटी में विभिन्न हितधारकों से बातचीत के बाद इन निर्णयों पर विचार किया जा रहा है।

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