दिल्ली कांग्रेस की अंदरूनी कलह निजी हमलों के रूप में सामने आई, टूट की ओर तो नहीं बढ़ रही कांग्रेस
संदीप दीक्षित के सोनिया गांधी को लिखे पत्र को लेकर खबरें बनने लगीं कि संदीप ने पीसी चाको को कानूनी नोटिस भेज माफी मांगने को कहा है. इस पत्र की जड़ें भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के अंदरखाने में जारी उठापटक पर ही टिकी थीं.
highlights
- मीडिया में दिल्ली कांग्रेस की कलह हुई सार्वजनिक. संदीप दीक्षित-पीसी चाको आमने-सामने.
- पीसी चाको को लीगल नोटिस भेजने की खबरें. हालांकि संदीप ने दी सफाई में कहा निजी पत्र भेजे.
- आलाकमान ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो दिल्ली कांग्रेस में टूट की आशंका तय.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव के समय से भितरखाने में चल रही दिल्ली कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आ गई है. कलह भी ऐसी-वैसी नहीं है. इसमें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और तीन बार दिल्ली की सीएम रहीं शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित ने अपनी मां की मौत के लिए दिल्ली प्रभारी पीसी चाको को जिम्मेदार ठहराया है. सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि संदीप दीक्षित ने इस बाबत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कई पत्र तक भेजे हैं. गौरतलब है दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर शीला दीक्षित और पीसी चाको में शुरू से ठनी रही. यहां तक की शीला दीक्षित की मौत के बाद ऐसी खबरें भी आईं, जिसमें संदीप दीक्षित का बयान सुर्खियों में रहा. इस बयान में वह कहते पाए गए थे कि दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेता ओछी हरकतें कर रहे हैं, जिसकी परिणिति उनकी मां शीला दीक्षित की मौत के रूप में हुई.
यह भी पढ़ेंः Indian Railway: चोरी होने पर चलती ट्रेन में भी इस ऐप के जरिए दर्ज करा सकेंगे केस
शीला दीक्षित ने भी अंदरूनी कलह का उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस का पद शीला दीक्षित की जुलाई में हुई मौत के बाद से खाली पड़ा है. अपनी मौत से पहले लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद शीला दीक्षित ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख दिल्ली कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान, गुटबाजी और भितरघात से अवगत कराया था. बताते हैं कि उन्होंने भी पीसी चाको पर निशाना साधते हुए यह आरोप तक जड़ा था कि किसी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के इशारे पर दिल्ली कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. हालांकि सोनिया गांधी तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे से उपजे संकट से जूझ रही थीं. यह अलग बात है कि न तो कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और ना ही दिल्ली कांग्रेस को अध्यक्ष मिल पाया. उस पर करेला वह भी नीम चढ़ा की तर्ज पर दिल्ली कांग्रेस की उठापटक और बढ़ती गई.
यह भी पढ़ेंः नरेंद्र मोदी सरकार के बड़े कदम उठाने के बावजूद पैसेंजर कारों की बिक्री घटी
संदीप दीक्षित का पीसी चाको को कानूनी नोटिस सुर्खियों में
गौरतलब है कि पीसी चाको ने शुक्रवार को ही बयान जारी कर कहा कि दिल्ली कांग्रेस को आज नया अध्यक्ष मिल जाएगा. यह अलग बात है कि इसके साथ ही मीडिया में संदीप दीक्षित के सोनिया गांधी को लिखे पत्र को लेकर खबरें बनने लगीं कि संदीप ने पीसी चाको को कानूनी नोटिस भेज माफी मांगने को कहा है. इस पत्र की जड़ें भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के अंदरखाने में जारी उठापटक पर ही टिकी थीं. सूत्रों के हवाले से सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स में संदीप दीक्षित ने पीसी चाको से माफी मांगने या फिर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने की धमकी दी है.
यह भी पढ़ेंः अब तक जानें कितनी बार मिल चुके हैं पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग
संदीप ने पीसी चाको को निजी पत्र भेजना किया स्वीकार
हालांकि मीडिया में दिल्ली कांग्रेस की अंतर्कलह और निजी हमले के छाते ही संदीप दीक्षित ने एक बयान जारी कर खींचतान को विराम लगाने की कोशिश जरूर की. उनका कहना है कि उन्होंने कोई लीगल नोटिस चाको को नही भेजा है और ना ही सोनिया गांधी को कोई चिट्ठी. हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया है कि उन्होंने कई निजी पत्र चाको को जरूर भेजे हैं. इसके साथ ही उन्होंने उन पत्रों का मजमूं सार्वजनकि करने से भी इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि जो पर्सनल है उसके बारे में कुछ नहीं बताऊंगा. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की कलह से किनारा करते हुए कहा कि उनका दिल्ली में कोई समर्थक नहीं है और दिल्ली कांग्रेस से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
कहीं टूट की ओर तो नहीं बढ़ रही दिल्ली कांग्रेस
जाहिर है इस नए विवाद के बाद पहले से ही वेंटिलेटर पर पड़ी दिल्ली कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. पार्टी की अंदरुनी गुटबाजी पर दखल देते हुए आलाकमान ने अगर समय रहते सख्ती नहीं दिखाई, तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में बड़ी टूट की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के समय से ही पीसी चाको और शीला दीक्षित के रूप में दो गुट हो गए थे. शीला दीक्षित का सांगठनिक फेरबदल का फैसला पलट पीसी चाको ने आपसी विवाद को सार्वजनिक कर दिया था. अब इस नए विवाद में देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग