NSA Ajit Doval बोले, मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. तत्काल प्राथमिकताओं और आगे के रास्ते के संबंध में भारत की चिंताएं और इस जुड़े उद्देश्य हम सभी के आगे हैं. एनएसए ने कहा कि अफगानिस्तान...
highlights
- मध्य एशियाई देशों के साथ दिल्ली में अहम बैठक
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने लिया बैठक में हिस्सा
- भारत के एनएसए अजीव डोभाल ने रखी बात
नई दिल्ली:
Central Asian security minister's meeting in New Delhi: राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक का आयोजन हुआ. NSA अजीत डोभाल ने बैठक में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक में NSA अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के निमंत्रण को स्वीकार करना आपकी ओर से हमारी उपहार को स्वीकार कर सहृदयता का प्रमाण है और यह चर्चा को समृद्ध बनाता है. मध्य एशिया हमारा विस्तारित पड़ोसी है. इस बैठक में भारत के अलावा कजाखस्तान, किरगिज्स्तान, तजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों के शीर्ष प्रतिनिधि शामिल रहे. खास बात ये है कि आज इन देशों के साथ राजनयिक रिश्तों की शुरुआत के भी 30 साल पूरे हो रहे हैं.
भारत के लिए कनेक्टिविटी प्रमुख प्राथमिकता
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि हम महान मंथन और अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भविष्य के बारे में अनिश्चितता के समय मिले हैं. एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध मध्य एशिया हमारे साझा हित में है. मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. हम इस क्षेत्र में सहयोग, निवेश और संपर्क निर्माण के लिए तैयार हैं. कनेक्टिविटी का विस्तार करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पहल सलाहकारी, पारदर्शी और सहभागी हों.
अफगानिस्तान हम सबके लिए महत्वपूर्ण मुद्दा
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. तत्काल प्राथमिकताओं और आगे के रास्ते के संबंध में भारत की चिंताएं और इस जुड़े उद्देश्य हम सभी के आगे हैं. एनएसए ने कहा कि अफगानिस्तान सहित क्षेत्र में आतंकवादी नेटवर्क का बना रहना भी गहरी चिंता का विषय है. वित्तपोषण आतंकवाद का जीवन है और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करना हम सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं को सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए.
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