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CBI के स्थापना दिवस पर बोले CJI, देश के खिलाफ हो रहे आर्थिक अपराधों को प्राथमिकता देनी चाहिए

सीबीआई रेजिंग डे पर CJI चंद्रचूड़ ने 20वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर में कहा कि टेक्नोलॉजी के कारण अपराध का बैकग्राउंड बदल रहा.

Updated on: 01 Apr 2024, 11:48 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के स्थापना दिवस पर कई बातों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां देश में कम फैली हुई हैं. उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के खिलाफ हो रहे आर्थिक अपराधों को प्राथमिकता देनी चाहिए. सीजेआई ने 20वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर में टेक्नोलॉजी के कारण अपराधिक मामलों की जांच में आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने खोज प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के साथ सटीकता बढ़ाने के लिए AI का फायदा उठाने की वकालत की. 

अधिकारों के बीच संतुलन बनाना होगा

जांच एजेंसियों को तलाशी, जब्ती की शक्तियों और प्राइवेसी के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना होगा. सीबीआई रेजिंग डे पर CJI चंद्रचूड़ ने 20वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर में कहा कि टेक्नोलॉजी के कारण अपराध का बैकग्राउंड बदल रहा. इससे एजेंसी के लिए कड़ी चुनौतियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई को भ्रष्टाचार निरोधक जांच एजेंसी के रूप में अपनी भूमिका से परे विभिन्न प्रकार के आपराधिक मामलों की जांच करने के लिए कहा जा रहा. 

यह सीबीआई पर अपने आदर्श वाक्य पर खरा उतरने को लेकर एक बड़ी जिम्मेदारी डालता है. CJI बोले जांच एजेंसियों को इन पर फोकस करना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने प्रमुख जांच एजेंसियों को बहुत कमजोर कर दिया है. उन्हें केवल उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के खिलाफ आर्थिक अपराधों से संबंधित हैं. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी में बड़े पैमाने पर अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं. स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स से जांच एजेंसी को अपग्रेड किया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना जरूरी है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने इसे क्रिमिनल जस्टिस में एक 'गेम चेंजर' करार दिया. 

जांच एजेंसी अपनी लड़ाई खुद चुनें

चंद्रचूड़ सीजेआई चंद्रचूड़ ने जांच एजेंसियों से अपनी लड़ाई खुद चुनने के लिए भी कहा है. उन्हें विभिन्न केसों में ज्यादा शामिल होने के बजाय, उन अपराधों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो देश की सुरक्षा और आर्थिक सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालते हैं. चंद्रचूड़ ने समाधान के रूप में एफआईआर दाखिल करने से शुरू होने वाली जांच प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का प्रस्ताव रखा. मामलों की अधिक संख्या के कारण  होने वाली देरी को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है.