आयुर्वेद प्रैक्टिशनर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को मानहानि का नोटिस भेजा
नोटिस, जिसे वकील अर्चना पाठक दवे के माध्यम से भेजा गया है, जिसमें आईएमए पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट का अध्ययन किए बिना टिप्पणी को वैज्ञानिक तर्कसंगत बनाने का आरोप लगाया गया है.
नई दिल्ली:
एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और भारतीय चिकित्सा के शिक्षक ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) को कोविड-19 प्रबंधन (Covid19 Management) के लिए आयुष उपचार के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी और आयुर्वेद दवाओं को प्लसीबो के समान बताने पर कानूनी नोटिस दिया है. वैद्य प्रशांत तिवारी ( Prashant Tiwari) की ओर से नोटिस कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुष (Ayush) और योग पर आधारित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक 'नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल' (प्रोटोकॉल) का जिक्र करता है. नोटिस, जिसे वकील अर्चना पाठक दवे के माध्यम से भेजा गया है, जिसमें आईएमए पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट का अध्ययन किए बिना टिप्पणी को वैज्ञानिक तर्कसंगत बनाने का आरोप लगाया गया है.
नोटिस में कहा गया है कि आईएमए ने कथित तौर पर उपचार के आयुष पद्धति और उनके चिकित्सकों के खिलाफ अविश्वास पैदा करने के इरादे से भारतीय दवा की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए बयान दिए, जिससे गंभीर और वित्तीय नुकसान हुआ. तिवारी ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने इस प्रोटोकॉल में, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं है और जिनमें हल्के लक्षण है उन कोरोना रोगियों के उपचार के लिए सामान्य और शारीरिक उपायों, आहार उपायों और क्लीनिकल उपायों के बारे में विस्तार से बताया है.
आयुष चिकित्सा पद्धति पर बिना सोचे-समझे अपमानजनक आरोप
नोटिस में कहा गया है, आपके आचरण से यह स्पष्ट है कि आयुष चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बिना सोचे-समझे अपमानजनक आरोप लगाने का आपका कृत्य जानबूझकर आयुष संस्थानों और चिकित्सकों को की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है. नोटिस में जोर दिया गया था कि कई चिकित्सकों और आयुष चिकित्सा के शोधकर्ताओं और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा इन प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए एक व्यापक शोध के बाद प्रोटोकॉल जारी किया गया था, जिन्होंने कई कोविड-19 रोगियों का इलाज किया है.
जनता के साथ धोखाधड़ी
आयुष चिकित्सा को प्लसीबो के समान बताने के आईएमए के बयान को छोड़कर, नोटिस में कहा गया है कि इसमें स्वास्थ्य मंत्री पर कोविड-19 की रोकथाम और इलाज के लिए इस प्रोटोकॉल को जारी करके जनता को धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. नोटिस में आईएमए के अध्यक्ष और महासचिव द्वारा मीडिया की बातचीत और प्रेस के बयानों का हवाला दिया गया है, जहां इसने गैर-जिम्मेदार, अपमानजनक, गलत और भ्रामक बयान दिया, जिसका उद्देश्य जनता के मन में भारतीय चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ अविश्वास पैदा करना है.
बिना शर्त माफी मांगे आईएमए के चिकित्सक
इन आरोपों पर जोर देते हुए कि आयुष चिकित्सा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, तिवारी ने आईएमए से आयुष चिकित्सकों से बिना शर्त माफी मांगने और सरकार की प्रोटोकॉल पर सवाल उठाने वाले अपने प्रेस विज्ञप्ति वापस लेने को कहा है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर इन शर्तों से संतुष्ट नहीं हुए तो आईएमए को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
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