कश्मीर में सभी धर्मों के लोग रह सकते हैं एक साथ, बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत
सभी धर्मों की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बिपिन रावत ने कहा कि इस कार्यक्रम में धार्मिक शिक्षक मौलवी, ग्रंथी और पंडित एक साथ आए हैं.
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने कश्मीर में सामान्य हो रहे हालात पर कहा कि यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रह सकते हैं. सभी धर्मों के लोग मंगलवार को दिल्ली में सेना प्रमुख बिपिन रावत से आकर मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'धार्मिक शिक्षक मौलवी, ग्रंथी और पंडित एक साथ आए हैं. सभी राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा के हिस्से के रूप में यहां जमा हुए हैं. यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कश्मीर में समुदाय कैसे एक साथ रह सकते हैं. यह एक महत्वपूर्ण संदेश हैं जो कश्मीर के लोगों भेजा जा रहा है.
सेना प्रमुख बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने कहा, 'मुझे यह जानकर भी खुशी है कि ये लोग (रियासी और राजौरी) से आए हैं. इन क्षेत्रों में शायद ही कोई आतंकवाद है, यहां के लोग खुश हैं. हां, इन क्षेत्रों में रोजगार की गुंजाइश है, जिसके लिए हमने उन्हें बताया है कि हम उन्हें सहायता प्रदान करेंगे.
Army Chief General Bipin Rawat: Recruitment rally can be organised in their areas so that the youth from these areas can join the defence forces or even the police forces can organise recruitment rally along with us. https://t.co/HOgVS7h8ly
— ANI (@ANI) November 5, 2019
उन्होंने कहा कि भर्ती रैली घाटी के कई क्षेत्रों में आयोजित की जा सकती है ताकि इन क्षेत्रों के युवा रक्षा बलों में शामिल हों या यहां तक कि पुलिस बल हमारे साथ भर्ती रैली आयोजित की जा सकती है.
इससे पहले रविवार को उत्तराखंड में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने कहा कि थलसेना और वायुसेना चीन से लगती सीमा के पास के इलाकों में संपर्क, आधारभूत संरचना और दूरसंचार सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार को हरसंभव सहायता देगी.
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उन्होंने कहा कि सीमा से लगते राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अत्याधुनिक हवाईपट्टी बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
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दूरदराज के पर्वतीय इलाकों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ विकास पर चर्चा के लिए राज्य प्रायोजित कार्यक्रम ‘रैबार’ के दूसरे संस्करण में जनरल रावत ने अपने संबोधन में कहा कि ऊंचाई वाले दूरदराज के सीमाई क्षेत्रों में हवाई, रेल या सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को थलसेना या वायुसेना की ओर से सभी तरह की मदद दी जाएगी.
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