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'अलर्ट की वजह नहीं बता सकता'- विपक्षी नेताओं की फोन टैपिंग मामले पर APPLE ने दी सफाई

कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में आगे कहा कि इस तरह के राज्य-प्रायोजित हमलावरों को वित्तीय मदद मिलती है. वह ऐसे हमले समय-समय पर करते रहते हैं.

Updated on: 31 Oct 2023, 05:25 PM

नई दिल्ली:

विपक्षी नेताओं के आईफोन पर एप्पल कंपनी की ओर से भेजे गए अलर्ट मैसेज पर देश में सियासत चरम पर है. इस बीच अब दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल ने सफाई दी है.  कंपनी ने आधिकारिक स्पष्टिकरण में कहा कि हम किसी भी तरह के स्टेट स्पांसर्ड अटैक की सूचना नहीं देते हैं. हां ये भी हो सकता है कि कंपनी के कुछ खतरे की सूचनाएं (अलार्म अलर्ट) गलत हो सकते हैं. कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में आगे कहा कि इस तरह के राज्य-प्रायोजित हमलावरों को वित्तीय मदद मिलती है. वह ऐसे हमले समय-समय पर करते रहते हैं. इस तरह के हमलों के बारे में जानकारी हासिल करना खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है. कंपनी ने साफ कर दिया कि वह इस अलर्ट के पीछे का कारण नहीं बता सकती है. 

 कंपनी ने कहा कि यह संभव हो कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हों या कुछ हमलों का पता नहीं चल सका हो। हम इसे लेकर जानकारी देने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। किस वजह से हमें खतरे की सूचनाएं देनी पड़ रही है, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों की भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है.’ इस संदेश को कई नेताओं ने शेयर किया है। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर एप्पल का संदेश साझा किया.

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