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रैनबसेरों पर सुप्रीम कोर्ट की राज्यों को कड़ी फटकार, पूछा- क्यों नहीं हो रहा ज़मीनी स्तर पर काम

शहर में रहने वाले बेघर लोगों के लिए रैनबसेरों के इंतजाम पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार कतरते हुए कहा है कि राज्य इसके लिए केंद्र से मिले पैसों का इस्तेमाल करें।

Updated on: 13 Sep 2017, 12:33 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने रैनबसेरों की दुर्दशा पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने शहरों में बेघर लोगों के लिए बने रैनबसेरों के इंतजाम पर राज्यों से पूछा है कि इसके लिए वो केंद्र से मिले पैसों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे।

कोर्ट ने कहा है सख़्त रवैया अख़्तियार करते हुए राज्य सराकार से कहा है, 'अगर राज्य केंद्र से मिलने वाले पैसों को रैनबसेरों के बेहतर इंतजामों के लिए खर्च नहीं करती तो कोर्ट केंद्र को इसके लिए आगे पैसे न जारी करने का आदेश दे देगा।'

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने इस आंकड़े पर हैरानी जताई कि जिसमें बताया गया कि राज्यों को मिले 640 करोड़ रुपए में से 412 करोड़ रु खर्च ही नहीं हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट आदेश दिया है कि रैनबसेरे के लिए इस्तेमाल पैसों का ऑडिट हो ताकि यह देखा जा सके कि वाकई पैसों का इसी काम के लिए इस्तेमाल हुआ या किसी और काम में पैसे खर्च कर दिए गए।

कोर्ट ने कहा, '790 शहरों में रैनबसेरों की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के लिए व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं, इसलिए हर राज्य के हाई कोर्ट को इस काम का ज़िम्मा देंगे। हम पूरे मामले की निगरानी करते रहेंगे।'