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Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या क्या है, देखते ही बता देते हैं उसका अच्छा और बुरा वक्त

Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या, जिसे

Updated on: 26 Apr 2024, 11:31 AM

नई दिल्ली :

Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या, जिसे ऑरा रीडिंग (Aura Reading) भी कहा जाता है, एक छद्म-विज्ञान (Pseudoscience) है जो किसी व्यक्ति के चारों ओर मौजूद ऊर्जा क्षेत्र का अध्ययन करने का दावा करता है. यह माना जाता है कि हर व्यक्ति की एक अनूठी आभा होती है जो उसके व्यक्तित्व, भावनाओं, स्वास्थ्य और भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है. आभा को रंग, प्रकाश और कंपन के रूप में देखा जा सकता है. आभा पढ़ने वाले (Aura Readers) इन संकेतों की व्याख्या करके किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने का दावा करते हैं.

आभा पढ़ने की विद्या में कई अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया जाता है-

रंग: आभा के रंग का अध्ययन करके माना जाता है कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और भावनाओं का पता लगाया जा सकता है. उदाहरण के लिए, लाल रंग को ऊर्जा और जुनून का प्रतीक माना जाता है, जबकि नीला रंग शांति और शांति का प्रतीक माना जाता है.

प्रकाश: आभा की चमक का अध्ययन करके माना जाता है कि किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर का पता लगाया जा सकता है.

कंपन: आभा के कंपन का अध्ययन करके माना जाता है कि किसी व्यक्ति के विचारों और भावनाओं का पता लगाया जा सकता है.

आभा पढ़ने की विद्या एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध अवधारणा नहीं है. इसके सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, और कई वैज्ञानिक और विद्वान इसे अंधविश्वास मानते हैं. अगर आप किसी व्यक्ति को जानना चाहते हैं, तो उससे बातचीत करना और उसे जानने का प्रयास करना सबसे अच्छा तरीका है. आभा पढ़ने वाले एक्सपर्ट कई तरह के होते हैं, और उनकी तकनीकें अलग हो सकती हैं. आभा पढ़ने की सटीकता के बारे में कोई वैज्ञानिक सहमति नहीं है. कुछ लोग आभा पढ़ने को एक सहायक उपकरण मानते हैं, जबकि अन्य इसे अविश्वसनीय या धोखाधड़ी मानते हैं. यह तय करना आप पर निर्भर है कि आप आभा पढ़ने की विद्या पर विश्वास करते हैं या नहीं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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